US Tariffs on India : अमेरिका का भारत पर टैरिफ लगाना असामान्य : थरूर

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US Tariffs on India : अमेरिका का भारत पर टैरिफ लगाना असामान्य : थरूर
US Tariffs on India : अमेरिका का भारत पर टैरिफ लगाना असामान्य : थरूर

कहा, अमेरिकी राष्ट्रपति स्वभाव से अस्थिर, कूटनीतिक व्यवहार के पारंपरिक मानकों का सम्मान नहीं कर रहे

US Tariffs on India  (आज समाज), बिजनेस डेस्क : अमेरिका द्वारा भारत पर लागू की गई 50 प्रतिशत टैरिफ दरों का विरोध करते हुए कांग्रेस के प्रमुख नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने इसे असामान्य करार दिया है। थरूर ने कहा कि भारत हमेशा से विश्व के लिए एक प्रेरणास्रोत बनकर उभरा है। हमनें हमेशा से विश्व में शांति फैलाने का प्रयास किया है लेकिन अमेरिकी राष्टÑपति भारत के खिलाफ इस तरह के कदम उठाकर व्यापारिक रिश्तों को खराब कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका की ओर से लगाए गए शुल्कों का भारत पर असर पड़ा है और लोगों की नौकरियां जा रही हैं।

थरूर ने ट्रंप पर साधा निशाना

थरूर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा कि वे स्वभाव से अस्थिर हैं और कूटनीतिक व्यवहार के पारंपरिक मानकों का सम्मान नहीं कर रहे हैं। अमेरिका ने भारत से आयातित रूसी तेल पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। इसमें रूसी तेल खरीदने के लिए लगाया गया 25 प्रतिशत जुमार्ना भी शामिल है। थरूर ने कहा कि भारत को टैरिफ के प्रभाव को कम करने के लिए निर्यात बाजारों में विविधता लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सूरत में रत्न व आभूषण कारोबार, समुद्री खाद्य और विनिर्माण क्षेत्र में 1.35 लाख लोगों की नौकरियां चली गई हैं।

किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति का ऐसा व्यवहार नहीं देखा

ट्रंप के बारे में अपनी राय जारी रखते हुए थरूर ने कहा, हालांकि उनसे पहले 44 या 45 राष्ट्रपति हुए हैं, लेकिन किसी ने भी व्हाइट हाउस से इस तरह का व्यवहार नहीं देखा। कांग्रेस नेता ने ट्रम्प को हर पैमाने पर एक असामान्य राष्ट्रपति बताया और कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति निश्चित रूप से राजनयिक व्यवहार के पारंपरिक मानकों का सम्मान नहीं करते हैं। थरूर ने कहा, “मेरा मतलब है, क्या आपने कभी किसी विश्व नेता को खुलेआम यह कहते सुना है कि वह नोबेल शांति पुरस्कार का हकदार है? ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि क्या आपने किसी ऐसे विश्व नेता के बारे में सुना है जिसने मूलत: यह कहा हो कि भारत और रूस की अर्थव्यवस्थाएं मृतप्राय हैं। मुझे इसकी परवाह नहीं कि वे दोनों एक साथ बर्बाद हो जाएं। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की भाषा किसी भी सरकार के प्रमुख से कभी नहीं सुनी गई।

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