Indira Ekadashi: इंदिरा एकादशी व्रत कल, जानें शुभ मुहूर्त

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Indira Ekadashi: इंदिरा एकादशी व्रत कल, जानें शुभ मुहूर्त
Indira Ekadashi: इंदिरा एकादशी व्रत कल, जानें शुभ मुहूर्त

भगवान विष्णु को समर्पित है यह तिथि
Indira Ekadashi, (आज समाज), नई दिल्ली: गरुड़ पुराण में वर्णित है कि इंदिरा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति द्वारा जन्म-जन्मांतर में किए गए समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही मृत्यु के बाद व्यक्ति को उच्च लोक में स्थान मिलता है। इस शुभ अवसर पर पितरों का तर्पण किया जाता है। सनातन शास्त्रों में भी एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। यह तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से साधक को सभी पापों से छुटकारा मिलता है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। ऐसे में चलिए जानते हैं इंदिरा एकादशी व्रत पारण की डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।

द्वादशी तिथि पर किया जाता है व्रत का पारण

इस व्रत का पारण अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि व्रत का पारण न करने से साधक व्रत के शुभ फल की प्राप्ति से वंचित रहता है। इसलिए शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण जरूर करें।

शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार 17 सितंबर ( को इंदिरा एकादशी व्रत किया जाएगा। इंदिरा एकादशी तिथि की शुरूआत 17 सितंबर को देर रात 12 बजकर 21 मिनट पर। इंदिरा एकादशी तिथि का समापन 17 सितंबर को देर रात 11 बजकर 39 मिनट होगा।

इंदिरा एकादशी व्रत पारण

इंदिरा एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर किया जाएगा। वैदिक पंचाग के अनुसार, व्रत पारण करने का शुभ मुहूर्त 18 सितंबर को सुबह 06 बजकर 07 मिनट से लेकर 08 बजकर 34 मिनट है। इस दौरान किसी भी समय व्रत का पारण कर सकते हैं। पारण करने के बाद विशेष चीजों का दान मंदिर या गरीब लोगों में जरूर करें।

कैसे करें पारण

  • इस दिन सुबह स्नान करने के बाद प्रभु के नाम का ध्यान करें।
  • सूर्य देव को अर्घ्य दें। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें। मंत्रों का जप और विष्णु चालीसा का पाठ करें।
  • सात्विक भोजन, फल और मिठाई का भोग लगाएं। प्रभु से जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। आखिरी में प्रसाद ग्रहण करें।

करें इन चीजों का दान

एकादशी व्रत का पारण करने के बाद अन्न, धन और वस्त्र समेत आदि चीजों का दान करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, द्वादशी तिथि पर दान करने से साधक को जीवन में कोई कमी नहीं होती है। साथ ही धन में वृद्धि होती है।

भगवान विष्णु के मंत्र 

  • ॐ नमो: नारायणाय॥
  • विष्णु भगवते वासुदेवाये मंत्र
    ॐ नमो: भगवते वासुदेवाय॥
  • विष्णु गायत्री मंत्र: ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु: प्रचोदयात्॥