अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुए समझौते के बाद आई तेजी
Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : वर्तमान में भारत और अमेरिका के व्यापारिक रिश्ते एक अलग दौर से गुजर रहे हैं। एक तरफ जहां भारत के उद्योग मंत्री पीयूष गोयल कह रहे हैं कि भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर वार्ता तेजी से आगे बढ़ रही है और जल्द ही दोनों देश परिणाम तक पहुंच जाएंगे। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा कर चुके हैं जो कि सात अगस्त से लागू हो जाएगा।
इसी बीच भारत और अमेरिका के बीच पिछले छह माह में हुए व्यापार की जो रिपोर्ट सामने आई है उसके अनुसार भारत ने फरवरी से लेकर जून तक अमेरिका से रिकॉर्ड स्तर पर कच्चे तेल का आयात किया है। जानकारों की माने तो पिछले साल इसी समयावधि के मुकाबले इस साल 51 प्रतिशत कच्चा तेल भारत ने ज्यादा आयात किया है। इसके साथ ही तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) का आयात भी काफी बढ़ा है। एलएनजी का आयात वित्त वर्ष 2023-24 में 1.41 अरब डॉलर था, जो वित्त वर्ष 2024-25 में दोगुना होकर 2.46 अरब डॉलर हो गया।
इसलिए दोनों देशों के बीच व्यापार में आई तेजी
इस तेजी का कारण फरवरी 2025 में ट्रंप और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच हुआ एक समझौता है, जिसमें दोनों नेताओं ने ऊर्जा सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई थी। भारत ने अमेरिका से ऊर्जा खरीद को 15 अरब डॉलर से बढ़ाकर 25 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा है। साथ ही, दोनों देशों के बीच कुल व्यापार को 2030 तक 200 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करने की योजना है।
वर्तमान स्थिति से बदल सकते हैं समीकरण
हालांकि फरवरी 2025 में भारतीय पीएम के अमेरिका दौरे के दौरान दोनों देशों के नेताओं ने एक दूसरे से व्यापार और आपसी हितों की रक्षा करने का वादा किया था लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति के मौजूदा व्यवहार और भारत के खिलाफ दिए जा रहे बयानों को देखा जाए तो आने वाले समय में दोनों देशों के बीच राजनीतिक और व्यापारिक रिश्तों के समीकरण बदल भी सकते हैं।