
- बड़ों के सम्मान, देखभाल और संरक्षण के लिए एकजुट होने का किया आह्वान
- इस बार आवाज उठाओ, साथ आओ का दिया गया है नारा
(Gurugram News) गुरुग्राम। विश्व वृद्धजन दुव्र्यवहार जागरुकता दिवस पर रविवार को बड़ों के सम्मान में संदेश दिया गया। बड़ों के सम्मान, देखभाल और संरक्षण के लिए एकजुट होने का आह्वान किया गया। बताया गया कि हर वर्ष 15 जून को मनाया जाने वाला विश्व वृद्धजन दुव्र्यवहार जागरुकता दिवस समाज को यह स्मरण दिलाता है कि बुजुर्गों के प्रति होने वाले किसी भी प्रकार के शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक या आर्थिक शोषण के खिलाफ हमें आवाज उठानी चाहिए।
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण गुरुग्राम ने न्यायमूर्ति लीसा गिल न्यायाधीश, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय और कार्यकारी अध्यक्ष हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता व जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं चेयरमैन जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण गुरुगा्रम के दिशा-निर्देश अनुसार यह दिवस मनाया गया। इस दौरान बुजुर्गों के अधिकारों, सम्मान और सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए विभिन्न संगठनों के सहयोग से अनेक स्थानों पर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए।
इस वर्ष की थीम है-आवाज उठाओ। साथ आओ
बताया गया कि ारत सहित पूरी दुनिया में वृद्धजन की संख्या तेजी से बढ़ रही है, ऐसे में यह आवश्यक है कि उनके लिए एक सुरक्षित, संवेदनशील और सहयोगी वातावरण सुनिश्चित किया जाए। जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव रजत वर्मा ने बताया कि इस वर्ष की थीम है-आवाज उठाओ। साथ आओ। वृद्धजन दुव्र्यवहार को समाप्त करो। यह थीम हमें प्रेरित करती है कि हम चुप्पी तोड़ें, बुजुर्गों के साथ सम्मानजनक व्यवहार को बढ़ावा दें और पीडि़तों को न्याय दिलाने में सक्रिय भूमिका निभाएं।
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण गुरुग्राम के पैनल अधिवक्ताओं द्वारा विभिन्न वृद्धाश्रमों, सामुदायिक केंद्रों एवं सार्वजनिक स्थलों पर जागरूकता सत्र आयोजित किए गए। बुजुर्गों के लिए हेल्पलाइन नंबरों व कानूनी सहायता की जानकारी आम जनता तक पहुंचाई गई। गांवों और शहरों में युवाओं के साथ संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से पीढिय़ों के बीच समझ और सहानुभूति को बढ़ावा दिया गया।
पुलिस, सामाजिक संगठन, स्वास्थ्य सेवा प्रदाता और प्रशासनिक अधिकारी मिलकर बुजुर्गों की सुरक्षा हेतु रणनीतियों पर विचार-विमर्श करते दिखे और स्वास्थ्य जांच कैंप्स लगाए गए। लोगों से कहा गया कि-आइए हम सभी यह संकल्प लें कि हम एक ऐसा समाज बनाएंगे, जहां हमारे बुजुर्गों को सम्मान, प्रेम और सुरक्षा मिले। उनका अनुभव और ज्ञान हमारी सबसे बड़ी पूंजी है।
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