कहा, दावों की संख्या के लिहाज से कुल निपटारे का अनुपात 60% तक पहुंचने की उम्मीद
Chandigarh News Update (आज समाज), चंडीगढ़ : पंजाब सरकार द्वारा बकाया जीएसटी रिफंड के दावों पर कार्रवाई करते हुए जुलाई में 1,408 दावों को मंजूरी दी गई है, जिनका कुल रिफंड 241.17 करोड़ रुपए बनता है। यह जानकारी देते हुए प्रदेश के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कारोबारियों के लिए रिफंड प्रक्रिया को सुचारू बनाने के प्रयासों के चलते 31 जुलाई, 2025 तक राज्य द्वारा पिछले बकाए के एक बड़े हिस्से का निपटारा कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि 30 जून, 2025 तक 3,452 लंबित रिफंड दावे थे। जिनकी कुल राशि 832.93 करोड़ रुपए थी। उन्होंने खुलासा किया कि जुलाई में 241.17 करोड़ रुपए के रिफंड को मंजूरी दी गई, जिनमें से 57 करोड़ रुपए स्टेट जीएसटी (एसजीएसटी) के हिस्से के हैं, जो सीधे राज्य के खजाने से वापस किए गए हैं, और 184.17 करोड़ रुपए इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (आईजीएसटी) और सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (सीजीएसटी) के हिस्से के हैं, जो केंद्र सरकार द्वारा भुगतान किए जाएंगे।
कर वसूली में से किया जाता है रिफंड
इन रिफंडों के राज्य की वित्त पर सीधे प्रभाव के बारे में जिÞक्र करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि एसजीएसटी रिफंड को कुल कर वसूली में से घटाकर राज्य की शुद्ध आमदनी का पता लगाया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि 663 और दावों जिनकी कुल राशि 52 करोड़ रुपए है, पर वर्तमान में कार्रवाई चल रही है। एक बार जब इन दावों को मंजूरी मिल जाती है, तो दावों की संख्या के लिहाज से कुल निपटारे का अनुपात 60 प्रतिशत और कुल रिफंड राशि के लिहाज से 35 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की पारदर्शी और कुशल कर प्रशासन प्रणाली को सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार स्थानीय कारोबारों को सहायता देने और पंजाब में व्यापार करने की सुगमता को बेहतर बनाने के लिए बकाया रिफंडों के त्वरित निपटारे को प्राथमिकता देना जारी रखेगी।
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