Coriander Farming: इस विधि से उगाए धनिया, मिलेगी ज्यादा पैदावार

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Coriander Farming: इस विधि से उगाए धनिया, मिलेगी ज्यादा पैदावार
Coriander Farming: इस विधि से उगाए धनिया, मिलेगी ज्यादा पैदावार

धनिया में भरपूर मात्रा में होता है विटामिन सी
Coriander Farming, (आज समाज), नई दिल्ली: धनिया एक वार्षिक जड़ी बूटी का पौधा है जिसका प्रयोग रसोई में मसाले के तौर पर किया जाता है। इसके बीजों, तने और पत्तों का प्रयोग अलग अलग पकवानों को सजाने और स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता है। इसके पत्तों में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है। घरेलू नूस्खों में इसका प्रयोग दवाई के तौर पर किया जाता है। इसे पेट की बीमारियों, मौसमी बुखार, उल्टी, खांसी और चमड़ी के रोगों को ठीक करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

इसकी सब से ज्यादा पैदावार और खप्त भारत में ही होती है। भारत में इसकी सब से ज्यादा खेती राजस्थान में की जाती है। मध्य प्रदेश, आसाम, और गुजरात में भी इसकी खेती की जाती है।

धनिया बोने का सही समय और मौसम

अक्टूबर से दिसंबर का महीना धनिया की खेती के लिए सबसे उपयुक्त होता है। धनिया की बुवाई के लिए 20-25 डिग्री सेल्सियस तापमान सबसे आदर्श है। यह फसल कम पानी और हल्की धूप में अच्छे से बढ़ती है। मुख्यत: धनिया की बुवाई अक्टूबर के मध्य से दिसंबर की शुरूआत तक करनी चाहिए।

धनिया की खेती के लिए भूमि

हल्की दोमट या बलुई मिट्टी धनिया की खेती के लिए सबसे बेहतर होती है। मिट्टी का पीएच स्तर 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए। बुवाई से पहले खेत की जुताई करें और इसे खरपतवार से मुक्त रखें।

धनिया के बीज का चुनाव और उपचार

बीजों को चुनते समय उच्च गुणवत्ता और प्रमाणित बीजों का उपयोग करें। बुवाई से पहले बीजों को 24 घंटे पानी में भिगोकर रखने से अंकुरण जल्दी होता है। बीजों को फफूंदरोधी दवा जैसे थायरम से उपचारित करें। धनिया की कुछ उन्नत किस्मों के बीजों के नाम इस प्रकार है। आरसीआर 41, आरसीआर 435, और पंत धनिया 1।

धनिया कितने दिन में उगता है?

धनिया के बीज को अंकुरित होने में आमतौर पर 7-10 दिन लगते हैं। फसल को तैयार होने में 90-120 दिन का समय लगता है।

जल प्रबंधन

धनिया के बीज बोने के बाद हल्की सिंचाई करें। इसके बाद हर 7-10 दिन पर सिंचाई की आवश्यकता होती है।

खाद और उर्वरक

नव्यकोष जैविक खाद का उपयोग करें। नव्यकोष जैविक खाद धनिया के पौधे को आवशयक पोषक तत्व उचित मात्रा में उपलब्ध करवाएगी जिससे धनिया की फसल अच्छी होगी।

धनिया बुवाई की विधि

धनिया के बीजों को छिटकाव या कतार में बो सकते हैं। कतारों के बीच 20-25 सेंटीमीटर की दूरी रखें। बीजों को 2-3 सेंटीमीटर गहराई पर बोएं। बुवाई के बाद पहली सिंचाई तुरंत करें। इसके बाद, मौसम और मिट्टी की नमी के आधार पर 7-10 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें। खरपतवार को हटाने के लिए 2-3 बार निराई करें। पहली निराई बुवाई के 20-25 दिन बाद करें।

धनिया की खेती में रोग और कीट नियंत्रण करना

धनिया की फसल में पत्ती झुलसा, झुलसा रोग, और पाउडरी मिल्ड्यू रोग हो सकते हैं। इनसे बचाव के लिए नीम का तेल या उचित जैविक कीटनाशक का उपयोग करें। समय-समय पर फसल का निरीक्षण करें।

धनिया की कटाई और पैदावार

धनिया की कटाई सही समय पर करना बहुत महत्वपूर्ण है। धनिया की पत्तियों के लिए: बुवाई के 30-40 दिन बाद पत्तियां काटी जा सकती हैं। जब पौधा पूरी तरह पक जाए और बीज हल्के भूरे रंग के हो जाएं।

धनिया की पैदावार

एक हेक्टेयर भूमि से 10-15 क्विंटल धनिया के बीज प्राप्त किए जा सकते हैं। पत्तियों की फसल से 20-30 क्विंटल पत्तियां मिल सकती हैं।

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