Business News : रूस से तेल खरीद के फैसले पर विचार करे सरकार : राजन

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Business News : रूस से तेल खरीद के फैसले पर विचार करे सरकार : राजन
Business News : रूस से तेल खरीद के फैसले पर विचार करे सरकार : राजन

भारतीय उद्योगों को टैरिफ के अतिरिक्त दबाव से बचाने के लिए आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने सरकार से की अपील

Business News (आज समाज), बिजनेस डेस्क : वर्तमान में भारतीय उद्योग जगत किसी दबाव से गुजर रहा है तो वह है अमेरिका द्वारा लगाया गया नया टैरिफ। ज्ञात रहे कि अमेरिका फिलहाल भारत की कंपनियों से अमेरिका निर्यात पर 50 प्रतिशत शुल्क टैरिफ के नाम पर ले रहा है। अमेरिका ने यह टैरिफ भारत द्वारा रूस से खरीदे जा रहे कच्चे तेल के कारण लगाया है। अमेरिका का कहना है कि भारत रूस से बड़े स्तर पर कच्चा तेल खरीद रहा है जिससे रूस को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को जारी रखने में आर्थिक रूस से मदद मिल रही है।

हालांकि अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ से भारतीय शेयर बाजार से लेकर उद्योग जगत दहशत में है लेकिन कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि भारत जल्द ही इससे उभर जाएगा लेकिन अब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर और अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने यह कहा कि भारत को रूस से तेल खरीदने की नीति पर फिर से विचार करना चाहिए।

यह देखना होगा किसे फायदा हो रहा किसे नुकसान

राजन ने कहा कि हमें यह पूछने की जरूरत है कि रूस से तेल खरीदने पर किसे फायदा हो रहा है और किसे नुकसान हो रहा है। रिफाइनरी कंपनियां ज्यादा मुनाफा कमा रहीं हैं, लेकिन निर्यातकों को टैरिफ के जरिए कीमत चुकानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि बीते 3 साल से भारत को 5 से 30 डॉलर प्रति बैरल के डिस्काउंट पर रूस से क्रूड आॅयल मिल रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस डिस्काउंट का 65% फायदा रिलायंस और नायरा जैसी प्राइवेट कंपनियों के साथ इंडियन आॅयल और भारत पेट्रोलियम जैसी सरकारी कंपनियों को मिला। वहीं सरकार को 35% फायदा मिला। आम आदमी के हिस्से कुछ नहीं आया।

सरकार टैक्स के रूप में कमा रही पैसा

राजन ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमत का एक बड़ा हिस्सा टैक्स में चला जाता है। इंडियन आॅयल के मुताबिक केंद्र सरकार दिल्ली में पेट्रोल पर 21.90 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 17.80 रुपए प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी वसूलती है। इसके अलावा, राज्य सरकारें वैल्यू-एडेड टैक्स (श्अळ) लगाती हैं। दिल्ली में पेट्रोल पर 15.40 रुपए और डीजल पर 12.83 रुपए वैट लगता है। कुल मिलाकर, पेट्रोल और डीजल की कीमत का 40% से ज्यादा हिस्सा टैक्स होता है।

रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2025 में एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी से केंद्र को अतिरिक्त 32,000 करोड़ रुपए की कमाई हुई। सरकार के लिए यह टैक्स एक स्थिर और भरोसेमंद आय का स्रोत है। सस्ते तेल का फायदा ग्राहकों को देने के बजाय सरकार इस पैसे को अपने खजाने में रख रही है ताकि दूसरे खर्चे पूरे कर सके।

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