Navratri Vrat Niyam: नवरात्र व्रत में इन नियमों का करें पालन

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Navratri Vrat Niyam: नवरात्र व्रत में इन नियमों का करें पालन
Navratri Vrat Niyam: नवरात्र व्रत में इन नियमों का करें पालन

जाने-अनजाने में की गर्इं गलतियों से नाराज हो सकती है मां दुर्गा
Navratri Vrat Niyam, (आज समाज), नई दिल्ली: आज से शारदीय नवरात्र की शुरूआत हो चुकी है। घर में माता दुर्गा का आगमन हो चुका है। अब 9 दिनों तक माता दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाएगी। नवरात्र के दिनों में भगवती मां दुर्गा पूरे नौ दिन तक धरती पर आकर अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। इस दौरान कई भक्त माता को प्रसन्न करने के लिए तप, जप, हवन व व्रत रखते है, लेकिन नवरात्र व्रत में जाने-अनजाने में की गर्इं गलतियां मां दुर्गा को नाराज भी कर सकती हैं और व्रत को खंडित भी कर सकती हैं। ये गलतियां करने से व्रत का पूरा फल भी नहीं मिलता है। जानिए नवरात्र के उपवास में किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

नवरात्र व्रत में क्या नहीं करना चाहिए

  • नवरात्र व्रत के दौरान क्रोध और नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए। वहीं, इस अवधि में किसी भी व्यक्ति बुराई करने और झूठ बोलने से भी बचना चाहिए।
  • व्रत रखने वालों को नवरात्र में लकड़ी के तख्त या बेड पर नहीं सोना चाहिए। साथ ही, ज्यादा गुदगुदे गद्दे का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए।
  • सामान्य तौर पर व्रती एक समय भोजन करके नवरात्र के व्रत रखते हैं। अगर आप भी ऐसा ही करते हैं, तो बीच में फलाहार नहीं करना चाहिए। हालांकि, यह नियम उन लोगों पर नहीं लागू होता है जिन्हें शरीर से जुड़ी कोई समस्या हो।
  • अगर आपको बीच में किसी जरूरी यात्रा पर जाना हो तो ऐसे में व्रत रखने से बचना चाहिए क्योंकि, इस दौरान व्रत के नियमों का पालन करना मुश्किल हो सकता है।
  • जिन लोगों को शरीर से जुड़ी गंभीर समस्या है और उन्हें ऐसा लगता है कि उनका व्रत बीच में टूट सकता है, तो ऐसे में नवरात्र का व्रत नहीं करना चाहिए।
  • नवरात्र के व्रत के दौरान घर में तामसिक भोजन नहीं बनाना चाहिए। साथ ही, परिवार के सदस्यों को भी इस नियम का विशेष रूप से ख्याल रखना चाहिए।
  • व्रती को अपने भोजन में साधारण नमक का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इससे आपका व्रत बीच में टूट सकता है। व्रत के दौरान सेंधा नमक का ही प्रयोग किया जाता है।

नवरात्र व्रत में क्या करना चाहिए

  • व्रती को नवरात्र में हमेशा सत्य बोलना चाहिए और अपने मन पर संयम रखकर इष्टदेव का ध्यान करना चाहिए।
  • नवरात्र व्रत में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस दौरान अपने मन में क्षमा, दया, उदारता और उत्साह जैसे भाव रखने चाहिए। साथ ही, तामसी भावों को अपने मन में बिल्कुल नहीं आने देना चाहिए।
  • सप्तमी, अष्टमी या नवमी तिथि पर व्रत खोलते हैं, तो 9 कुंवारी कन्याओं को भोजन अवश्य कराएं। साथ ही, इस दिन माता रानी के नाम से हवन और पूजा करने का विधान भी होता है।
  • हर दिन सुबह और शाम के समय माता रानी की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए और दीपक भी अवश्य जलाना चाहिए। इसके बाद ही किसी भी चीज का सेवन करें।
  • नवरात्र के 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा व आरती करनी चाहिए। शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि व्रत रखने कई प्रकार होते हैं। कई लोग इस दौरान केवल एक समय भोजन करते हैं, कुछ केवल फल खाते हैं, कुछ जल और कुछ तुलसी व गंगाजल का सेवन करते हैं। एक समय भोजन करने वालों को सेंधा नमक प्रयोग करना चाहिए।
  • नवरात्र में दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करना चाहिए। आप हर दिन एक-एक चरित्र का पाठ कर सकते हैं। साथ ही, मां दुर्गा को रोजाना भोग जरूर लगाना चाहिए।
  • नवरात्र व्रत में अनाज खाना वर्जित है। नवरात्रि उपवास में दूध, दही, फल, आलू, साबूदाना, सिंघाड़ा, कुट्टू के आटे जैसी फलाहारी चीजों का ही सेवन करें।
  • यदि एक समय भोजन करके व्रत कर रहे हैं तो बीच में फलाहार लेने से बचना चाहिए। साथ ही भोजन पूरी तरह सात्विक हो, इसका विशेष ध्यान रखें।

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