मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है विवाह पंचमी
Vivah Panchami, (आज समाज), नई दिल्ली: सनातन धर्म में विवाह पंचमी का पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पावन तिथि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम और माता सीता के विवाह की वर्षगांठ के रूप में मनाई जाती है। मार्गशीर्ष (अगहन) मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को यह उत्सव मनाकर भक्त प्रभु राम और माता जानकी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
यह दिन न केवल विवाह के इच्छुक लोगों के लिए शुभ है, बल्कि विवाहित दंपत्तियों के लिए भी यह तिथि अपने दांपत्य जीवन में प्रेम, सुख और सौहार्द लाने का एक सुनहरा अवसर है। अगर आपके वैवाहिक जीवन में किसी तरह की समस्या आ रही है, या पति-पत्नी के रिश्ते में मधुरता कम हो रही है, तो विवाह पंचमी के दिन किए गए कुछ अचूक उपाय इन सभी मुश्किलों को दूर कर सकते हैं।
करें ये महाउपाय
- राम-सीता विवाह और गठबंधन: विवाह पंचमी के दिन सबसे महत्वपूर्ण और कल्याणकारी कार्य भगवान राम और माता सीता का प्रतीकात्मक विवाह करवाना है।
- क्या करें: घर के मंदिर में या किसी मंदिर में भगवान राम और माता सीता की प्रतिमाओं या चित्रों की स्थापना करें। उनका विधिवत पूजन करें और किसी पुरोहित की मदद से उनके विवाह समारोह की तरह पूजा करें।
- गठबंधन: पूजा के दौरान भगवान राम को पीले वस्त्र और माता सीता को लाल वस्त्र अर्पित करें। इसके बाद, एक लाल या पीले वस्त्र से दोनों की मूर्तियों का गठबंधन (गांठ लगाकर बांधना) करें।
- लाभ: यह उपाय पति-पत्नी के बीच के बंधन को मजबूत करता है और रिश्ते में अटूट प्रेम व सौहार्द लाता है। यह माना जाता है कि राम-सीता के अटूट संबंध का आशीर्वाद आपके वैवाहिक जीवन को प्राप्त होता है।
- रामचरितमानस का पाठ: गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना इसी पावन तिथि को पूर्ण की थी, इसलिए इस दिन रामचरितमानस का पाठ विशेष फलदायी होता है।
- क्या करें: पति-पत्नी एक साथ बैठकर रामचरितमानस में वर्णित राम-सीता प्रसंग का पाठ करें। यदि यह संभव न हो, तो कम से कम सुंदरकांड का पाठ अवश्य करें।
- लाभ: रामचरितमानस का पाठ करने से वैवाहिक जीवन में चल रही समस्याएं, विवाद और तनाव समाप्त होते हैं। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का संचार करता है।
- माता सीता को सुहाग सामग्री अर्पित करें: माता सीता को अखंड सौभाग्य की देवी माना जाता है। उन्हें सुहाग का सामान अर्पित करना दांपत्य जीवन की खुशहाली के लिए श्रेष्ठ उपाय है।
- क्या करें: विवाह पंचमी के दिन माता सीता को लाल रंग की साड़ी, सिंदूर, चूड़ियां, बिंदी, मेहंदी और अन्य श्रृंगार सामग्री (सुहाग का सामान) अर्पित करें।
- लाभ: इस उपाय से पति-पत्नी के बीच की मनमुटाव और खटपट समाप्त होती है। रिश्ते में मिठास और आपसी समझ बढ़ती है, जिससे दांपत्य जीवन में प्रेम और मधुरता आती है।
- तुलसी और कछुए से जुड़े उपाय: शास्त्रों के अनुसार, कुछ विशेष वस्तुओं को घर में रखने से वैवाहिक जीवन में सकारात्मकता आती है।
- रामा तुलसी: विवाह पंचमी से पहले या इस दिन घर में रामा तुलसी का पौधा लाकर रखें। इसकी नियमित दोनों समय पूजा करने और जल चढ़ाने से वैवाहिक तनाव कम होता है।
- कछुए की मूर्ति/तस्वीर: पति-पत्नी के रिश्ते में विश्वास और स्थिरता लाने के लिए विवाह पंचमी से पहले घर में धातु या क्रिस्टल का एक छोटा कछुआ रखना शुभ माना जाता है।
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पूजन: भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का एक साथ पूजन करना सुख-समृद्धि और शांति लाता है।
- क्या करें: विवाह पंचमी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की एक साथ रखी प्रतिमा या तस्वीर की विधिवत पूजा करें।
- लाभ: माना जाता है कि इससे वैवाहिक जीवन में शांति और स्थिरता बनी रहती है। घर में समृद्धि का वास होता है, जो पारिवारिक सुख के लिए अत्यंत आवश्यक है।


