पुराने दर्द से निपटने के लिए ये 5 तरीके अपनाएं

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Migraine Relief Remedies
Migraine Relief Remedies

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, प्रत्येक वयस्क को जीवन में कभी न कभी सिरदर्द का अनुभव होता है। सिरदर्द की सामान्य वजहें तनाव और चिंता, भावनात्मक संकट, अनियमित खान-पान, डिहाइड्रेशन, हाइ ब्लडप्रेशर, गर्म मौसम आदि हैं। प्राथमिक सिरदर्द में सिर और गर्दन के एरिया में नसों, रक्त वाहिकाओं और मांसपेशियों में खिंचाव होता है, जो मस्तिष्क में केमिकल एक्टिविटी में बदलाव के साथ हो सकता है। माइग्रेन, क्लस्टर सिरदर्द और तनाव सिरदर्द इस कैटेगरी में आते हैं। माइग्रेन एक तरह का प्राथमिक सिरदर्द है, जिसकी वजह स्पष्ट रूप से जानकारी में नहीं है। हालांकि, स्टडीज ने पर्यावरण और जेनेटिक फैक्टर्स के कॉम्बिनेशन का सुझाव दिया है। इसलिए, यहां हम पुराने दर्द से निपटने के लिए 5 टिप्स के साथ हैं।
एक्यूपंक्चर
एक्सपर्ट्स ने सुझाव दिया है कि एक्यूपंक्चर माइग्रेन के सिरदर्द को कम कर सकता है और रोगियों के साथ प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट स्ट्रैटेजीज पर चर्चा करते समय डॉक्टरों को एक आप्शन के रूप में एक्यूपंक्चर के बारे में जानकारी प्रदान करनी चाहिए। प्रोफीलैक्टिक ट्रीटमेंट के रूप में इस मेथड की सिफारिश की जा सकती है और डॉक्टर्स को प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट स्ट्रैटेजीज पर चर्चा करते समय एक आप्शन के रूप में रोगियों को एक्यूपंक्चर के बारे में जानकारी प्रदान करनी चाहिए।
अरोमाथेरेपी
अरोमाथेरेपी जरूरी तेलों को जलाने और हवा में सुगंध को अंदर लेने की एक प्रक्रिया है। लेकिन, इस प्रक्रिया का इस्तेमाल सिर्फ मूड बदलने के लिए नहीं किया जाता है। हां, स्टडीज से पता चला है कि तनाव, चिंता और यहां तक कि माइग्रेन के इलाज के लिए कौन विधि का इस्तेमाल थेरेपी के रूप में किया जा सकता है।
योग
दुनिया में शायद ही कोई ऐसी बीमारी हो जिसका इलाज योग में न हो। जी हां, बाकी स्वास्थ्य समस्याओं की तरह ही योग आपके माइग्रेन का भी इलाज कर सकता है। सेतु बंधासन (ब्रिज पोज), शिशुआसन (चाइल्ड पोज), हस्तपादासन (स्टैंडिंग फॉरवर्ड बेंड) और बहुत कुछ आजमाएं।
स्मार्टफोन और गैजेट्स से बचें
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के शोधकतार्ओं का कहना है कि नियमित सिरदर्द और माइग्रेन से पीड़ित स्मार्टफोन यूजर्स दर्द निवारक दवाओं का इस्तेमाल करने और कम राहत पाने की ज्यादा संभावना रखते हैं। क्लिनिकल प्रैक्टिस पत्रिका में प्रकाशित हुआ था जिसमें कहा गया था कि जो लोग स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें माइग्रेन की गंभीर समस्या हो सकती है।
उचित नींद लें
नींद की कमी माइग्रेन के हमलों के मुख्य वजहों में से एक हो सकती है। इतना ही नहीं बल्कि कई दूसरी समस्याएं जैसे चिंता, डिप्रेशन, थकान आदि स्लीप एपनिया की वजह से उत्पन्न होते हैं। इसलिए अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए रोजाना 6-7 घंटे की उचित नींद लें।