Faridabad News(आज समाज) फरीदाबाद। मेट्रो हॉस्पिटल, फरीदाबाद ने चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। अस्पताल की विशेषज्ञ टीम ने म्यांमार (बर्मा) के एक वरिष्ठ बौद्ध भिक्षु का संयुक्त यकृत-गुर्दा प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक संपन्न किया। यह जटिल सर्जरी मेट्रो हॉस्पिटल की उन्नत बहु-विषयक देखभाल और अंग प्रत्यारोपण विशेषज्ञता का एक और उदाहरण है।
क्रॉनिक लिवर डिज़ीज़ और किडनी डिज़ीज़ से पीडि़त
रोगी हेपेटाइटिस बी के कारण होने वाले क्रॉनिक लिवर डिज़ीज़ और क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ से पीडि़त थे, जो आगे चलकर एंड-स्टेज रीनल फेल्योर में बदल चुकी थी। वे लंबे समय से डायलिसिस पर थे और जब अस्पताल पहुंचे तो अत्यंत गंभीर स्थिति में थे। व्हीलचेयर पर निर्भर, पीलिया, पेट में पानी (्रह्यष्द्बह्लद्गह्य) और थकान जैसी गंभीर समस्याओं से ग्रस्त। विस्तृत मूल्यांकन के बाद विशेषज्ञ टीम ने निष्कर्ष निकाला कि संयुक्त यकृत और गुर्दा प्रत्यारोपण ही उनके जीवन और अंगों की कार्यक्षमता को बहाल करने का एकमात्र उपाय है।
यह जटिल सर्जरी डॉ. शैलेन्द्र लालवानी, डायरेक्टर एवं एचओडी, लिवर ट्रांसप्लांट, एचपीबी एवं जीआई सर्जरी, और डॉ. रितेश मोंघा, डायरेक्टर एवं सीनियर कंसल्टेंट,यूरोलॉजी, किडनी ट्रांसप्लांट एवं रोबोटिक सर्जरी के नेतृत्व में की गई, जबकि एनेस्थीसिया और आईसीयू की देखरेख डॉ. ललित सेहगल, डायरेक्टर एवं एचओडी जनरल एवं लिवर ट्रांसप्लांट एनेस्थीसिया, लिवर एवं ऑन्कोलॉजी आईसीयू द्वारा की गई।
स्वास्थ्य सेवा के प्रति प्रतिबद्धता
इस कड़ी में डॉ. सना तारिक ने कहा कि यह सफल संयुक्त यकृत और गुर्दा प्रत्यारोपण मेट्रो हॉस्पिटल की जटिल सर्जरी करने की बढ़ती क्षमता, सटीकता और करुणा का उदाहरण है। यह हमारी एकीकृत चिकित्सा प्रणाली और विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। डॉ. शैलेन्द्र लालवानी ने बताया कि रोगी गंभीर लिवर और किडनी फेल्योर के साथ हमारे पास आए थे।
बहु-विषयक टीम दृष्टिकोण, सटीक सर्जिकल योजना और लिवर-किडनी, एनेस्थीसिया एवं क्रिटिकल केयर टीमों के तालमेल से दोनों प्रत्यारोपण एक ही सत्र में सफलतापूर्वक किए गए। डॉ. रितेश मोंघा ने कहा कि एक साथ दो प्रमुख अंगों का प्रत्यारोपण अत्यधिक समन्वय और सर्जिकल सटीकता की मांग करता है।
मेट्रो हॉस्पिटल चुनिंदा केंद्रों में से एक
रोगी अत्यंत गंभीर अवस्था में भर्ती हुए थे, लेकिन सर्जरी के बाद उनकी किडनी तुरंत कार्य करने लगी और वे तेजी से स्वस्थ हुए। ऐसे परिणाम बताते हैं कि मेट्रो हॉस्पिटल उन चुनिंदा केंद्रों में से एक है जो इस प्रकार के जटिल संयुक्त अंग प्रत्यारोपण को सफलतापूर्वक कर सकता है। डॉ. ललित सेहगल ने कहा कि एनेस्थीसिया की सटीकता और पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल ने अंगों की स्थिरता और रोगी की तीव्र रिकवरी में अहम भूमिका निभाई।


