(Faridabad News) बल्लभगढ़। शिवपुराण कथा में कथा व्यास डॉ दिनकर ने कहा कि भगवान शंकर आशुतोष हैं जो भक्तों पर तत्काल कृपा करते हैं। उनकी आराधना में एक लोटा जल सब समस्याओं का हल है । व्यास जी ने स्वामी कार्तिकेय जन्म, प्रभु गणेश का जन्म,तारकासुर वध,जालंधर पत्नी सती वृंदा का चरित्र व उनके द्वारा विष्णु भगवान को शाप,तुलसी महिमा,गणेश चतुर्थी व्रत महिमा आदि प्रसंगों पर सुमधुर सरस शैली में प्रकाश डाला।
हिंदू पूजन में तुलसी को विशेष स्थान प्राप्त
इस कड़ी में शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन कथावाचक स्वामी शशि शेखर महाराज ने वृंदा और जालंधर की कथा सुनाई। डॉ दिनकर ने बताया कि वृंदा पतिव्रत धर्म और भक्ति की प्रतीक थीं। उनके पति जालंधर एक शक्तिशाली और वीर असुर थे। वृंदा भगवान विष्णु की परम भक्त थीं। कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने जालंधर का वध किया। इस पर वृंदा ने विष्णु को श्राप दिया। श्राप के कारण भगवान विष्णु शालिग्राम के रूप में परिवर्तित हो गए। वृंदा स्वयं तुलसी के रूप में पृथ्वी पर प्रकट हुईं। तभी से हिंदू पूजन में तुलसी को विशेष स्थान प्राप्त है।
मंदिर समिति के प्रधान बलदेव जुनेजा ने बताया कि ये दस दिवसीय शिवपुराण कथा का आयोजन 14 मई से प्रारंभ हुआ है। इस कथा में दूर दूर से लोग आकर धर्म लाभ ले रहे है। आज की कथा के मुख्य जजमान जयदीप अरोड़ा और नेहा ने माल्यार्पण कर व्यास का स्वागत किया।
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