Jharkhand के लातेहार जिले में मुठभेड़, जेजेएमपी प्रमुख पप्पू लोहरा समेत 3 नक्सली ढेर, 1 जवान घायल

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Jharkhand: लातेहार जिले में मुठभेड़, जेजेएमपी प्रमुख पप्पू लोहरा समेत 3 नक्सली ढेर, 1 जवान घायल

Latehar Encounter, (आज समाज), रांची: झारखंड के लातेहार जिले में पुलिस के साथ मुठभेड़ में एक कुख्यात नक्सल नेता सहित तीन नक्सली मारे गए हैं। लातेहार थानांतर्गत इच्छाबार जंगल में आज सुबह मुठभेड़ हुई। मारे गए शीर्ष नेता में 10 लाख रुपए का इनामी जन संघर्ष मुक्ति मोर्चा (जेजेएमपी) का प्रमुख पप्पू लोहरा भी शामिल है। उसे आतंक का प्रतीक माना जाता है। उसका मारा जाना बड़ी कामयाबी है। मुठभेड़ एक जवान अवध सिंह घायल हो गया। उसे राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) रेफर कर दिया गया है।

SP के नेतृत्व में चलाया गया था नक्सल विरोधी अभियान

जानकारी के अनुसार लातेहार के पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव के नेतृत्व में नक्सल विरोधी अभियान चलाया गया था। सीआरपीएफ और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीमों ने अभियान में हिस्सा लिया। मारे गए अन्य दो नक्सलियों में पप्पू लोहरा का करीबी सहयोगी प्रभात लोहरा और एक अन्य अज्ञात नक्सली शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, पप्पू लोहरा और उसके साथी इचाबार वन क्षेत्र में किसी बड़े हमले की योजना बना रहे थे।

तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों पर की फायरिंग

पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई करते हुए तलाशी अभियान शुरू किया था। इस दौरान चरमपंथियों ने सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई की गई। पप्पू लोहरा और प्रभात लोहरा मौके पर ही मारे गए। तीसरे ने बात में दम तोड़ा।

पप्पू लोहरा की पुलिस के साथ फोटो हुई थी वायरल

2018 में जेजेएमपी के जोनल कमांडर पप्पू लोहरा की पुलिस कर्मियों के साथ फोटो वायरल हुई थी, जिससे विवाद खड़ा हो गया था। रिपोर्टों से पता चला कि उस समय लोहरा नक्सल विरोधी अभियानों में पुलिस और सुरक्षा बलों की सहायता कर रहा था। इस तस्वीर की गहन जांच की गई और पुलिस और नक्सलियों के बीच संबंधों पर गंभीर सवाल उठे। फोटो विवाद के बाद आरोप सामने आए कि सुरक्षा बलों ने स्थानीय लड़ाकों को हथियार देकर माओवादियों से मुकाबला करने के लिए जेजेएमपी (JJMP) की स्थापना में मदद की थी।

संगठन कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए खतरा बना 

विडंबना यह है कि बाद में यही संगठन कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए खतरा बन गया। पलामू के बकोरिया में 2015 में हुई मुठभेड़ में पुलिस ने 12 नक्सलियों को मारने का दावा किया था। वर्तमान में सीबीआई इस घटना की जांच कर रही है। आरोप बताते हैं कि मुठभेड़ में मारे गए 12 लोग वास्तव में जेजेएमपी के गुर्गों द्वारा लक्षित थे और पुलिस ने अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए झूठा श्रेय लिया।

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