जेल से चल रहा था नशा तस्करी का धंधा, चेकिंग के दौरान मोबाइल फोन, नशीले पदार्थ भी बरामद
Punjab Crime News (आज समाज), संगरूर : एक तरफ प्रदेश सरकार पंजाब को नशे से पूरी तरह मुक्त करने के लिए विशेष अभियान चलाए हुए है। पंजाब पुलिस डीजीपी गौरव यादव के निर्देश में हर रोज टीमों का गठन करके सैकड़ों स्थानोें पर छापेमारी करती है। लेकिन वहीं एक चौकाने वाले मामले में पंजाब पुलिस का ही डीएसपी नशा तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
आरोपी के साथ अन्य 18 लोगों को भी पुलिस ने इस हाई प्रोफाइल नशा तस्करी मामले में गिरफ्तार किया है। दरअसल नशा तस्करी का यह रैकेट प्रदेश की संगरूर जेल से चल रहा था। आरोपी जेल के अंदर मोबाइल फोन से लेकर स्मार्टफोन तक का प्रयोग करते थे। जेल की चेकिंग में 12 मोबाइल फोन, 4 स्मार्टवॉच, 50 ग्राम अफीम, 12 ग्राम हेरोइन और अन्य नशीले पदार्थ बरामद होने के बाद यह बात सामने आई है।
जेल का डिप्टी सुपरिंटेंडेंट है गुरप्रीत सिंह
इसके बाद जेल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट आॅफ पुलिस (डीएसपी) सुरक्षा गुरप्रीत सिंह को अरेस्ट किया गया है। वह भी इस कारोबार शामिल थे। पुलिस ने इस संबंध में एनडीपीएस एक्ट के तहत पहले ही मामला दर्ज किया था, जबकि इसमें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 बाद में जोड़ी गई। अब तक कुल 19 लोगों को अरेस्ट किया गया है। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि प्रारंभिक जांच में प्रशांत नामक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, जिसकी भूमिका तस्करी संबंधी गतिविधियों को सुचारू ढंग से चलाने में सामने आई है।
पुलिस जांच में इस तरह हुआ खुलासा
एसएसपी संगरूर सरताज सिंह चहल ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आरोपी डीएसपी गुरप्रीत सिंह जेल में नशीले पदार्थों और मोबाइल फोन की तस्करी में सक्रिय रूप से शामिल था। आरोपी डीएसपी ने जेल में 25 ग्राम हेरोइन और दो मोबाइल फोन पहुंचाने के बदले कैदी गुरचेत के रिश्तेदार से 40 हजार रुपए नकद और यूपीआई के माध्यम से 26 हजार अपनी पत्नी के खाते में प्राप्त किए थे। कुल 25 ग्राम हेरोइन में से, 12 ग्राम हेरोइन रवि नाम के एक अन्य कैदी से बरामद की गई है, जो गुरचेत के कहने पर आगे अन्य कैदियों को नशे बेचता था।
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