
मौजूदा सीईटी पॉलिसी को दी गई चुनौती
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा में ग्रुप सी और डी पदों की भर्ती के लिए सीईटी पालिसी को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ताओं ने तकनीकी पदों के लिए अलग परीक्षा की मांग की है क्योंकि मौजूदा नीति में तकनीकी और गैर-तकनीकी उम्मीदवारों को एक साथ शामिल किया गया है। उनका तर्क है कि यह नीति मनमानी और असंगत है जिससे विशेषज्ञ उम्मीदवारों के अवसर प्रभावित हो रहे हैं।
याचिका में दिए गए तथ्यों के अनुसार, 26 और 27 मई 2025 को हुई सीईटी परीक्षाओं में तकनीकी पदों के लिए भी वही प्रश्न पूछे गए जो गैर-तकनीकी पदों के लिए होते हैं। इससे तकनीकी विषयों में विशेषज्ञता रखने वाले अभ्यर्थियों को प्रतिस्पर्धा में अनुचित नुकसान हुआ।
विशेषज्ञ उम्मीदवारों के अवसर हो रहे प्रभावित
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि विभिन्न तकनीकी विभागों जैसे स्वास्थ्य, कृषि, इंजीनियरिंग, बिजली, मैकेनिकल, कंप्यूटर व अन्य क्षेत्रों में पदों के लिए विशेषज्ञ ज्ञान और अनुभव की आवश्यकता होती है, लेकिन सरकार ने सामान्य सीईटी लागू कर इन पदों पर भी सामान्य अभ्यर्थियों को शामिल कर दिया है। इससे विशेषज्ञ उम्मीदवारों के अवसर प्रभावित हो रहे हैं।
मौजूदा नीति को रद्द करने की मांग
याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि 31 दिसंबर 2024 को हरियाणा सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर तकनीकी पदों के लिए भी सामान्य सीईटी को अनिवार्य कर दिया।
इसके खिलाफ विभिन्न अभ्यर्थियों ने आपत्ति जताई थी, लेकिन उनकी आपत्तियों पर विचार किए बिना नीति लागू कर दी गई। याचिकाकर्ताओं ने इस नीति को रद करने और तकनीकी पदों के लिए अलग पात्रता परीक्षा आयोजित करने की मांग की है।
सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए मांगा समय
मामले की सुनवाई दौरान, सरकार की ओर से कहा गया कि इस नीति से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत जवाब तैयार करने के लिए उन्हें समय चाहिए। कोर्ट ने सरकार को समय देते हुए अगली सुनवाई की तारीख 21 अगस्त 2025 निर्धारित की है।
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