Kurukshetra News: कुरुक्षेत्र में बीबीपुर झील में पानी छोड़ने को लेकर विवाद

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Kurukshetra News: कुरुक्षेत्र में बीबीपुर झील में पानी छोड़ने को लेकर विवाद
Kurukshetra News: कुरुक्षेत्र में बीबीपुर झील में पानी छोड़ने को लेकर विवाद

आज जलबेहड़ा हैड पर होगी महापंचायत
Kurukshetra News (आज समाज) कुरुक्षेत्र: हरियाणा के कुरुक्षेत्र में बीबीपुर झील में पानी छोड़े जाने के सिंचाई विभाग के फैसले के खिलाफ किसानों में गहरा रोष है। किसानों ने सरकार के इस फैसले की कड़े शब्दों में निंदा की है। किसानों ने बीबीपुर झील में पानी छोड़ने को जबरन कब्जा करना करार दिया। बीबीपुर झील की करीब 6 हजार एकड़ जमीन पर उनका मालिकाना हक है। इसमें पिहोवा-थानेसर के बीबीपुर कलां, मुर्तजापुर, भौर सैयदां, मुकीमपुरा, टकोरन, छैलों, सुरमी, इंदबड़ी, ज्योतिसर, गढ़ी रोड़ान समेत 12 गांव शामिल हैं।

इसमें कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा का गांव चनालहेड़ी भी आता है। रविवार को जैसे ही किसानों को सिंचाई विभाग के जलबेहड़ा मारकंडा हेड से वाया कंथला-चनालहेड़ी निकासी चैनल के जरिए पानी डायवर्ट करने की भनक लगी, तो सैकड़ों किसान इकट्ठा हो गए। इन किसानों ने सरकार व विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। किसानों ने झील में पानी

आॅर्डर फाड़ने की चेतावनी दी

किसान यूनियन के प्रदेश प्रवक्ता प्रिंस वड़ैच ने बताया कि इस मामले को विभाग के एक्सईएन से फोन पर बातचीत की गई, तो उन्होंने सीधे ही एससी से बातचीत करने को कह दिया। साथ ही कहा कि उनके पास दीवार तोड़ने के आॅर्डर है। इस किसानों का गुस्सा भड़क गया और आज यानी सोमवार को जलबेहड़ा हैड पर महापंचायत करने का ऐलान किया। साथ ही दीवार को हाथ लगाने और आॅर्डर फाड़ने की चेतावनी दी।

आंदोलन की भी दी चेतावनी

इसके साथ ही किसानों ने बिना किसी इमरजेंसी के झील में पानी छोड़ा गया तो बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी। दो साल पहले 2023 में इस चैनल से बाढ़ का पानी छोड़ा गया, तब चनालहेड़ी के पास निकासी पटरी टूट गई थी। इससे कई गांवों में पानी घुस गया था।

पानी छोड़ा गया तो हजारों एकड़ फसल हो जाएगी बर्बाद

प्रिंस वड़ैच ने बताया कि निकासी चैनल की कोई सफाई नहीं हुई है। इसकी पटरियां जर्जर हैं। जगह-जगह झाड़ियां और कबाड़ फंसा हुआ हैं। इन हालात में पानी छोड़ा गया तो हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो जाएगी। ट्यूबवेल व खाद-बीज भी पानी में बह जाएंगे। हालांकि किसानों का कहना है कि अगर बाढ़ और किसी की जान बचाने के हालात हुए तो वे सहयोग करेंगे, लेकिन बेवजह इस हरकत को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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