Business News Update : टैरिफ पर चीन और अमेरिकी राष्ट्रपति ने की बात

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Business News Update : टैरिफ पर चीन और अमेरिकी राष्ट्रपति ने की बात
Business News Update : टैरिफ पर चीन और अमेरिकी राष्ट्रपति ने की बात

दोनों देशों के बीच 90 दिन के लिए हो चुका है समझौता, दोनों चाहते हैं विवाद का स्थाई समाधान

Business News Update (आज समाज), बिजनेस डेस्क : टैरिफ के चलते अमेरिका और चीन के बीच शुरू हुआ गतिरोध कुछ हद तक कम तो हो गया है लेकिन यह अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। इसी सबको लेकर दोनों देशों के राष्टÑपति के बीच फोन पर वार्ता हुई। जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच इस नीति को लेकर गतिरोध समाप्त हो सकता है।

हालांकि गतिरोध का मुख्य कारण दोनों देशों की नीति है। ट्रंप चाहते हैं कि अमेरिका चीन पर अपनी विनिर्माण (फैक्ट्री) जरूरतों के लिए निर्भर न रहे और अमेरिका में फिर से औद्योगीकरण को बढ़ावा मिले। वहीं चीन चाहता है कि वह इलेक्ट्रिक वाहन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी उन्नत तकनीकों में निवेश करता रहे ताकि वह भविष्य की आर्थिक दौड़ में आगे रहे।अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच गुरुवार को फोन पर बातचीत हुई।

यह बातचीत ऐसे समय पर हुई है जब दोनों देशों के बीच व्यापार शुल्क (टैरिफ) को लेकर बातचीत लंबे समय से अटकी हुई है और इसका असर वैश्विक व्यापार पर भी साफ देखा जा रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय ने इस फोन वार्ता की पुष्टि करते हुए बताया कि यह कॉल अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से की गई थी। हालांकि, व्हाइट हाउस की तरफ से इस पर कोई तत्काल टिप्पणी नहीं की गई।

दोनों देशों के बीच 12 मई को हुआ था समझौता

अमेरिका और चीन के बीच 12 मई को एक समझौता हुआ था जिसमें दोनों देशों ने व्यापार शुल्क कम करने पर सहमति जताई थी ताकि आगे बातचीत की गुंजाइश बनी रहे। ट्रंप ने चीन से आयात होने वाले सामानों पर लगाए गए 145% शुल्क को घटाकर 30% कर दिया है, जो अगले 90 दिनों के लिए लागू रहेगा। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका से आने वाले सामान पर लगने वाले कर को 125% से घटाकर 10% कर दिया है।

हालांकि इन फैसलों से शेयर बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है और वैश्विक व्यापार की स्थिरता पर भी खतरा मंडरा रहा है।अमेरिका का आरोप है कि चीन महत्वपूर्ण खनिजों के निर्यात में सहयोग नहीं कर रहा है। वहीं चीन का कहना है कि अमेरिका उसके उच्च तकनीकी चिप्स की बिक्री पर प्रतिबंध लगा रहा है और छात्र वीजा पर भी रोक लगा रहा है, जिससे उनके कॉलेज और पीएचडी छात्र प्रभावित हो रहे हैं।

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