प्रदेश की जेलों में बंद है 816 महिला कैदी
Haryana News, (आज समाज), चंडीगढ़: हरियाणा की जेलों में अब 8 साल तक के बच्चे अपनी माताओं के साथ रह सकेंगे। पहले यह अवधि 6 साल थी, जिसे 2 साल और बढ़ा दिया गया है। अब बच्चे 6 के बजाय 8 साल तक जेल में अपनी मां के साथ रह सकेंगे। पुलिस महानिदेशक (जेल) आलोक राय ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया इस फैसले से जेल में रह रही महिला कैदियों के साथ उन बच्चों को भी राहत मिलेगी, जिनका बाहर कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि कई बार अलग-अलग रहने से बच्चे डिप्रेशन में चले जाते हैं, या उनकी मां के साथ ऐसा हो जाता है। अब दोनों साथ रहेंगे तो वह अवसाद से दूर रहेंगे।
हरियाणा की जेलों में 8 साल तक अपनी माताओं के साथ रह सकेंगे बच्चे
जेल विभाग ऐसे बच्चों के लिए जेल परिसर में ही उनकी पढ़ाई और पौष्टिक खाने की पूरी व्यवस्था कर रहा है। प्रदेश की 17 जेलों में बच्चों के खेलने के लिए क्रैच बने हुए हैं। इन बच्चों के खेल को खान-पान एवं अच्छे स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जाता है।
47 बच्चे अपनी माताओं के साथ रह रहे जेलों में
केंद्रीय जेलों सहित हरियाणा की कुल 20 जेलों में से 17 जेलों में जेल विभाग के द्वारा महिला वार्ड बने हुए हैं। अभी इन जिलों में कुल 816 महिला कैदी बंद हैं, जिनमें से 162 महिलाएं सजा काट रही है और 654 महिलाओं के केस अंडर ट्रायल चल रहे हैं। इन महिला बंदियों के पास कुल 47 बच्चे बंद है, जिनकी उम्र 6 वर्ष तक की आयु के बीच है।
करनाल व फरीदाबाद में अपने परिवार के साथ रह रहे कैदी
छोटे बच्चों को सप्ताह में एक बार जेल के मुख्य गेट से बाहर जेल परिसर में बने पार्कों आदि में जेल के महिला मुलाजिम के निगरानी में घूमने के लिए भेजा जाता है। डीजी जेल आलोक राय ने बताया कि सूबे की ओपन जेलों के तहत हरियाणा में करनाल और फरीदाबाद में 2 ओपन जेल खोली गई हैं, जहां करनाल में 30 फ्लैट हैं वहीं फरीदाबाद में 36 जहां पर यह कैदी अपने परिवार के साथ रह रहे हैं।
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