- रात्रि ठहराव कार्यक्रम प्रशासनिक संकल्प का प्रतीक, ग्रामीणों की समस्याओं पर हुई तत्पर सुनवाई
(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। कार्यक्रम में ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया व जिला प्रशासन से सीधे संवाद करते हुए ग्राम विकास को लेकर अपनी समस्याओं व मांगों को रखा।उपायुक्त मुनीश शर्मा ने रात्रि ठहराव कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ग्रामीणों से सीधा संवाद किया और उनकी समस्याओं का मौके पर समाधान किया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम माननीय मुख्यमंत्री नायब सिंह के विजन का हिस्सा है, जिसके तहत अधिकारी स्वयं गांवों में जाकर जमीनी स्तर की समस्याओं को समझते हैं और उनका त्वरित समाधान करते हैं।
जिला प्रशासन लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं से वाकिफ होता है
सरकार इस बात को लेकर पूरी तरह से सजग है कि अंत्योदय की भावना से अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचे । ग्रामीणों को उनके अधिकारों व सुविधाओं की पूरी जानकारी हो। उन्होंने ग्रामीणों से आह्वान किया कि वे प्रशासन से जुडकऱ विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाएं और अपने सुझाव भी खुलकर रखें।उन्होंने कहा कि रात्रि ठहराव का आयोजन जनता से सीधे जुड़ाव का सबसे प्रभावी माध्यम है। जिला प्रशासन लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं से वाकिफ होता है। यह कदम सुशासन की सोच को साकार कर रहा है। प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार रात्रि ठहराव का आयोजन प्रत्येक माह एक गांव में आयोजित किया जा रहा है, इस बार चरखी गांव में कार्यक्रम का आयोजन हुआ है ताकि प्रशासन और जनता के बीच की दूरी को समाप्त किया जा सके।
डिजिटल युग में साइबर अपराधों से सतर्क रहने की जरूरत है
उन्होंने ग्रामीणों से राष्ट्रीय सुरक्षा आपदा को लेकर सिविल डिफेंस टीम से जुड़े, इसके लिए शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। ज्यादा से ज्यादा नागरिक पंजीकरण कराएं। उन्होंने ग्रामीणों से गांव के सौंदर्य करण के लिए मिलजुल कर आगे आने का आह्वान किया।इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अर्श वर्मा ने ग्रामीणों को यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने ग्रामीणों को नशा मुक्त जीवन की आवश्यकता और साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कहा कि नशा न केवल व्यक्तिगत जीवन को बल्कि परिवार और समाज को भी प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में साइबर अपराधों से सतर्क रहने की जरूरत है।
गांव में आयोजित कार्यक्रम में ग्रामीणों ने भी बढ़-चढकऱ भागीदारी निभाई और अपनी समस्याओं व सुझावों को अधिकारियों के समक्ष रखा। ग्रामीणों ने एक-एक कर अपनी समस्याओं को रखा। कार्यक्रम में 40 शिकायतों को सुन गया। कई समस्याओं का मौके पर ही समाधान किया गया व जिन समस्याओं का मौके पर समाधान संभव नहीं था उनके लिए त्वरित आगामी कार्रवाई करने के निर्देश दिए जिससे ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति विश्वास और गहरा हुआ।
ग्रामीण रविंद्र, नरेश, फुटबॉल खिलाड़ी, राजेंद्र, मुन्नी, रानी आदि ग्रामीणों ने रात्रि ठहराव कार्यक्रम को प्रदेश सरकार की अच्छी पहल बताया। रात्रि ठहराव कार्यक्रम के सफल आयोजन ने साबित किया कि प्रशासन जनता के बीच जाकर सीधे संवाद कर उनके हितों को प्राथमिकता देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।