(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। श्रेष्ठ मनुष्य बनने के लिए किताबी शिक्षा के साथ आध्यात्मिक मूल्य शिक्षा भी जरूरी है क्योंकि फिजिक्स, कैमिस्ट्री, हिस्ट्री पढऩे से मनुष्यों की दक्षता बढ़ती है लेकिन मनुष्य तैयार नहीं होता है यह उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की झोझूकलां शाखा के तत्वावधान में आयोजित त्रिदिवसीय चरित्र निर्माण बाल व्यक्तित्व विकास शिविर के समापन पर राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि आज बच्चों को डॉक्टर इंजीनियर बनाने के साथ एक अच्छा इंसान बनाने की आवश्यकता है इंसानियत सिखाने की जरूरत है इसके लिए हमें आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाने की आवश्यकता है। झोझूकलां सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने कहा कि शिविर के दौरान बच्चों के व्यक्तित्व को निखारने के लिए मेडिटेशन योगाभ्यास के साथ-साथ खेल-खेल में नैतिक और चारित्रिक उत्थान के लिए मानवीय मूल्यों का पाठ पढ़ाया।
उन्होंने कहा इस दौरान पेंटिंग निबंध भाषण व नृत्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसमें पेंटिंग में भवानी प्रथम वंश द्वितीय व रिषभ तृतीय स्थान नृत्य में कीर्ति प्रथम, मनीषा ने द्वितीय स्थान निबंध व भाषण में यश,केशव,लक्षिता ने प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान प्राप्त किया। विजेताओं को ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन कविता बीडीसी लक्ष्मी प्रवक्ता मास्टर संजू व अशोक शर्मा सरपंच प्रतिनिधि रामबास ने पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया और कहा कि बाल वक्तित्व विकास शिविर के दौरान ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा दी गई शिक्षा से यह बच्चे अवश्य ही देश के संरक्षक कर्णधार बनेंगे।
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