वित्त मंत्रालय ने अपनी मासिक रिपोर्ट में किया खुलासा, जीएसटी दरों में बदलाव से जीएसटी संग्रह में हुई वृद्धि, खुदरा महंगाई भी निम्न स्तर पर पहुंची
Business News Update (आज समाज), बिजनेस डेस्क : अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ से भारतीय अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए केंद्र सरकार ने बीती 22 सितंबर से नई जीएसटी प्रणाली लागू की थी। इस नई प्रणाली में ज्यादात्तर जरूरी वस्तुओं पर लगने वाली जीएसटी दरें कम कर दी गई जिससे इनकी कीमतों में काफी ज्यादा कमी आ गई। इस नई प्रणाली के लागू होते ही आॅटो सेक्टर में बूम आ गया और इस बार वाहन बिक्री में नए रिकॉर्ड बने। इसके साथ ही जमकर खरीदारी करने से जीएसटी संग्रह में भी वृद्धि दर्ज की गई।
रिपोर्ट में बताया गया है कि ई-वे बिल जेनरेशन सितंबर और अक्तूबर 2025 में साल-दर-साल आधार पर 14.4% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं अप्रैल-अक्तूबर 2025 के लिए जीएसटी संग्रह में 9% की वृद्धि से संकेत मिलता है कि मजबूत खपत और बेहतर अनुपालन के चलते सरकार का राजस्व प्रवाह स्थिर बना हुआ है।
खुदरा महंगाई निम्न स्तर पर पहुंची
खुदरा महंगाई की बात करें तो अक्तूबर 2025 में यह घटकर 0.25% के ऐतिहासिक निम्न स्तर पर आ गई। यह कमी जीएसटी दरों में कटौती, अनुकूल आधार प्रभाव और खाद्य पदार्थों विशेषकर सब्जियों की कीमतों में 11 साल की सबसे भारी गिरावट से समर्थित रही।
कॉरपोरेट बैलेंस शीट्स मजबूत हुई
कॉरपोरेट सेक्टर का प्रदर्शन भी मजबूती दिखाता रहा। वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में कंपनियों की नेट सेल्स 6.1% बढ़ीं, जबकि शुद्ध लाभ 12.3% उछला। रिपोर्ट में कहा गया है कि लाभ मार्जिन लगातार सुधर रहे हैं और कुल आय के मुकाबले पीएटी (प्रॉफिट आफ्टर टैक्स) का हिस्सा 11.1% तक पहुंच गया है, जो हाल के वर्षों में सबसे ऊंचे स्तरों में से एक है। समीक्षा के अनुसार, इन संकेतकों से स्पष्ट है कि कॉरपोरेट बैलेंस शीट्स मजबूत और स्थिर कमाई के सहारे सुदृढ़ बनी हुई हैं।
शेयर बाजार को मिला घरेलू निवेशकों का समर्थन
शेयर बाजारा को घरेलू निवशका का समर्थन मिलता रहा और अक्तूबर में इनका प्रदर्शन मजबूत रहा। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने स्थिर भूमिका निभाना जारी रखा और उनकी बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 18.3 प्रतिशत हो गई, जो 13 वर्षों में पहली बार एफआईआई से आगे निकल गई।
ये भी पढ़ें : Share Market Update : दूसरे दिन भी शेयर बाजार ने ऑल टाइम हाई बनाया


