कहा, संविधान द्वारा लोगों को दिए गए अधिकारों को छीन रहे केंद्र सरकार
Punjab News Update (आज समाज), चंडीगढ़। पंजाब के वित्त मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा संचार साथी नामक मोबाइल ऐप के माध्यम से देश के लोगों की निजता पर हमला करने की कोशिश की कड़ी आलोचना की। पार्टी के मुख्य दफ्तर में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि भाजपा 2014 से केंद्र में सत्ता में है और देश भर के कई राज्यों में भी इसका शासन है, लेकिन फिर भी यह पार्टी बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर द्वारा स्थापित संविधान, जो प्रत्येक नागरिक को स्वतंत्र रहने का अधिकार देता है, को लगातार कदम-दर-कदम खत्म कर रही है।
यह भाजपा की नई चाल
चीमा ने कहा कि भाजपा की एक नई चाल सामने आई है, जिसमें आधुनिक युग में लोगों के निजी डेटा की चोरी और उनकी निजता पर हमला करने की रणनीति अपनाई जा रही है। इस एप्लिकेशन को जासूसी वाले साफ्टवेयर पेगासस का एक नया रूप करार देते हुए चीमा ने कहा कि केंद्र सरकार ने संचार साथी ऐप के माध्यम से देश के 144 करोड़ लोगों की निजी स्वतंत्रता पर हमला किया है।
उन्होंने कहा कि यह एक तरह से पेगासस साफ्टवेयर ही है, जिसका नाम बदलकर देश के लोगों की जासूसी करने के लिए तैयार किया गया है। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि भाजपा की कोशिश इस टूल का उपयोग करके लोगों के निजी डेटा की चोरी करने और उन्हें प्रभावित करने की रणनीति तैयार करना है। इसके अलावा, भाजपा इस चोरी किए गए डेटा को अपने सहयोगी पूंजीपतियों को उपलब्ध कराने की योजना बना रही है, ताकि वे नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी का उपयोग अपने फायदे के लिए कर सकें।
डाटा का हो सकता है अलत प्रयोग
इस घृणित हरकत को देश की निजता पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बताते हुए उन्होंने भगवा पार्टी को चेतावनी दी कि पूरा देश भाजपा की इस घटिया मानसिकता से भली-भांति परिचित है कि यह पार्टी किस तरह इस ऐप के माध्यम से लोगों के निजी डेटा के दुरुपयोग की योजना बना रही है। वित्त मंत्री ने अपने प्रेस बयान में केंद्र द्वारा राज्यों के अधिकारों पर कब्जे के खतरे को भी उजागर किया। उन्होंने कहा कि यह ऐप राज्यों के अधिकारों को पूरी तरह बाईपास करती है, जो देश की संघीय संरचना के लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई राज्य पुलिस, साइबर सेल या दूरसंचार क्षेत्र के राज्य-स्तरीय नियामकों को शामिल किए बिना एक केंद्रीकृत निगरानी प्रणाली प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा कि यह पूरे देश के लोगों के निजी डेटा पर केंद्र का एकाधिकार स्थापित करने की स्पष्ट कोशिश है।


