Dussehra Festival : रावण के प्रतीक विकारों को योग अग्नि में भस्म कर जीवन को दिव्य गुणों से सुसज्जित करें: ब्रह्माकुमारी वसुधा

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Burn away the negative traits symbolized by Ravana through the fire of yoga, and adorn your life with divine qualities B.K. Vasudha
कार्यक्रम में रावण दहन करते हुए ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन, अन्य बहनें व ग्रामीणजन।

Charkhi Dadri News(आज समाज नेटवर्क )चरखी दादरी। काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईष्र्या, द्वेष, घृणा, आलस्य, हठ आदि रावण के प्रतीक विकारों को योग अग्नि में भस्म कर जीवन को दिव्य गुणों से सुसज्जित कर राम राज्य का निर्माण वसुधैव कुटुंबकम भावना के साथ विजय दशमी अर्थात दशहरा मनाएं यह उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की झोझूकलां शाखा के तत्वावधान में विजयदशमी/दशहरा पर्व पर नव निर्माणाधीन प्रभु पसंद भवन में आयोजित कार्यक्रम में सेवाकेंद्र प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने व्यक्त किए।

आज आवश्यकता है हमें अपने अंदर के ईष्र्या द्वेष घृणा भाव को परमपिता परमात्मा की स्मृति से योग अग्नि में सभा करने की तभी असली रावण का वध हो सकता है

इस अवसर पर प्रभु पसंद भवन में एक रावण का पुतला बना जलाया गया जिसमें सभी भाई बहनों ने काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि विकारों के साथ समाज में व्याप्त बीड़ी सिगरेट शराब आदि व्यसनों की आहुति दे जीवन में सुख शांति आनंद प्रेम आदि दिव्य गुण धारण कर श्रेष्ठ समाज निर्माण का संकल्प लिया। ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने कहा कि विजयदशमी पर कुंभकरण मेघनाथ आदि के पुतले जलाए जाते हैं जो अधर्म विकारों के प्रतीक हैं उन्होंने कहा आज आवश्यकता है हमें अपने अंदर के ईष्र्या द्वेष घृणा भाव को परमपिता परमात्मा की स्मृति से योग अग्नि में सभा करने की तभी असली रावण का वध हो सकता है लेकिन आज हर वर्ष रावण के पुतले को बड़ा बनाते हैं अर्थात दिन प्रतिदिन समाज में अनेकों सामाजिक बुराइयां बढ़ती जा रही हैं आपसी संबंध समाप्त होते जा रहे हैं

घर घर में कलह क्लेश व्याप्त है जो रावण का ही प्रतीक है तो आवश्यकता है हमें सच्चे राम से प्रीत लगा और अपने अंदर के व्यर्थ संकल्पों विकारों को भस्म करने की तभी विजयदशमी बनाना सार्थक होगा।इस अवसर पर हवा सिंह पंच व रामबास सरपंच प्रतिनिधि अशोक शर्मा ने विजयदशमी की बधाई देते हुए मेडिटेशन को अपना नशा मुक्त जीवन बना समाज को श्रेष्ठ बनने के लिए कहा। झोझूकलां सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी ज्योति ने कहा कि आज के दिन से हम सभी अपने घर परिवार व समाज को दिव्य श्रेष्ठ बनाने का संकल्प लें तो घर-घर में सुख शांति आनंद प्रेम आपसी भ्रातृत्व की भावना पैदा होगी और एक सुखमय जीवन का आनंद प्राप्त कर सकते हैं। ब्रह्माकुमारी रेखा बहन ने कहा कि योग को अपने दैनिक जीवन का अंग बनाना चाहिए जिससे हमारे शारीरिक व मानसिक स्थिति मजबूत होगी और हम किसी भी परिस्थिति का सहज सामना करने में सक्षम होंगे।

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