Bhiwani News : महाराजा अग्रसेन जयंती पर ‘‘वैश्य रत्न सम्मान समारोह’’ आयोजन 

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Bhiwani News : महाराजा अग्रसेन जयंती पर ‘‘वैश्य रत्न सम्मान समारोह’’ आयोजन 
महाराजा अग्रसेन जयंती के उपलक्ष्य में वैश्य महाविद्यालय प्रांगण में ‘‘वैश्य रत्न सम्मान समारोह’’ में मरणोपरांत विभूतियों के परिजनों को सम्मानित करते हुए।
  • भिवानी की महान विभूतियों को श्रद्धांजलि, इतिहास और वर्तमान का संगम

Bhiwani News(आज समाज) भिवानी। महाराजा अग्रसेन जयंती के उपलक्ष्य में वैश्य महाविद्यालय प्रांगण में ‘‘वैश्य रत्न सम्मान समारोह’’ का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर समाज के दिवंगत महापुरुषों और वर्तमान में भिवानी की पहचान को मजबूत करने वाली विभूतियों को सम्मानित किया गया। समारोह का शुभारंभ विधायक घनश्याम सर्राफ और अजय बनारसी दास गुप्ता ने महाराजा अग्रसेन जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि उड़ीसा के पूर्व राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समारोह को संबोधित किया।

भिवानी ‘‘छोटी काशी’’ के रूप में देशभर में चर्चित

उन्होंने कहा कि भिवानी से निकली वैश्य समाज की विभूतियों ने अपनी कर्मठता और परोपकार से न सिर्फ भिवानी बल्कि पूरे हरियाणा और देश-विदेश में नई पहचान बनाई। 60 और 70 के दशक में भिवानी ‘‘छोटी काशी’’ के रूप में देशभर में चर्चित हुआ और इसमें समाज की विभूतियों का बड़ा योगदान रहा। उन्होंने कहा कि मरणोपरांत विभूतियों के परिजनों को सम्मानित कर यह संदेश दिया गया है कि भूतकाल के योगदान को कभी भुलाया नहीं जाएगा। यह समारोह इतिहास और वर्तमान का संगम बनकर नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जुड़े रहने और समाज के लिए योगदान देने की प्रेरणा देगा।

नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक

समारोह की अध्यक्षता कर रहे विधायक एवं पूर्व मंत्री घनश्याम सर्राफ ने कहा कि भिवानी की पहचान केवल उद्योग और व्यापार तक सीमित नहीं रही, बल्कि शिक्षा, संस्कृति, राजनीति, समाजसेवा और परोपकार के क्षेत्र में भी महान विभूतियों ने गहरी छाप छोड़ी। उनके वंशजों को सम्मानित करना गर्व की बात है और यह नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक है। विशिष्ट अतिथि अजय बनारसी दास गुप्ता ने कहा कि कठिन परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के बावजूद भिवानी की विभूतियों ने दिल्ली, मुंबई, जयपुर, कोलकाता और चेन्नई जैसे महानगरों में जाकर अपनी पहचान बनाई और संघर्ष के दौर में भी अपनी जड़ों से जुड़े रहे।

अग्रवाल वैश्य समाज के प्रदेश अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने कहा कि भिवानी में कपड़ा उद्योग, शैक्षणिक संस्थान, मंदिर, धर्मशालाएं, पुस्तकालय, अस्पताल और सामाजिक संस्थाओं की स्थापना इन विभूतियों के योगदान का प्रमाण है। उनकी निर्मित धरोहरें आज भी शहर की पहचान और गर्व बनी हुई हैं। कार्यक्रम के स्वागताध्यक्ष सुनील सर्राफ ने सभी अतिथियों का अभिनंदन किया जबकि संयोजक मुकेश बंसल, सतीश वैद्य एवं उनकी टीम ने समारोह में पधारे गणमान्य लोगों का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर समाज के दिवंगत महापुरुषों सेठ किरोड़ीमल लुहारीवाला, बनारसी दास गुप्ता, पुरूषोत्तम दास हलवासिया, मेलाराम भोडूका, पी.डी. माखरिया, बनवारी लाल जिंदल, रामकुमार गुप्ता बिजली वाले, गणपतराय मिंडूका, सूरजभान बगडिय़ा, भगीरथमल बुवानीवाला, रामभजन अग्रवाल, श्रीराम सुगला, भोलाशंकर मुकिम, गौरीशंकर बजाज, सागर राम गुप्ता, केपी गुप्ता, नत्थूराम कानोडिय़ा और रामकिशन गोटेवाला को मरणोपरांत ‘‘वैश्य रत्न सम्मान’’ से विभूषित किया गया, जिसे उनके परिजनों ने ग्रहण किया।

हमारे पूर्वजों की सोच, त्याग और जन्मभूमि के प्रति समर्पण का सम्मान

इस अवसर पर परिजनों ने कहा कि यह सम्मान केवल परिवार का नहीं, बल्कि हमारे पूर्वजों की सोच, त्याग और जन्मभूमि के प्रति समर्पण का सम्मान है। इसी कड़ी में भिवानी की पहचान को आगे बढ़ाने वाले सुधीर हलवासिया, रामकुमार अग्रवाल, प्रमोद गुप्ता, श्यामलाल कोकड़ा, सुरेश गुप्ता, डॉ. मीना सुभाष गुप्ता, श्रीमती अनीता मुकीम, औमनारायण वैद और राजकुमार कानोडिय़ा को भी ‘‘वैश्य रत्न सम्मान’’ से सम्मानित किया गया।

समारोह में ललित बुवानीवाला, बृजलाल सर्राफ, धर्मेश शाह, मदनलाल वैद, पीडी अग्रवाल, रामदेव तायल, सुरेन्द्र लोहिया, प्रवीण गर्ग, नरेश गर्ग ढिघांवा, रामनिवास सिवानीवाला सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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