प्रदेश के वित्त मंत्री ने भाजपा को पंजाब की शांति भंग न करने की दी चेतावनी
Punjab Breaking News (आज समाज), चंडीगढ़। पंजाब के वित्त मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता, हरपाल सिंह चीमा ने आज पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) के छात्रों पर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा किए गए अत्याचार की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने भाजपा पर पंजाब और पंजाबियों के प्रति नफरत रखने और राज्य को फिर से अंधकारमय दौर में धकेलने की कोशिश करने का आरोप लगाया।वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने सिकंदर की ऐतिहासिक मिसाल देते हुए भाजपा को सख्त चेतावनी दी कि जब भी पंजाब पर हमला हुआ है, पंजाबियों ने हमेशा मुंहतोड़ जवाब दिया है।
छात्रों से माफी मांगे भाजपा नेता
पंजाब भाजपा नेताओं को चुनौती दी कि वे पंजाब विश्वविद्यालय जाकर छात्रों से माफी मांगें और राज्य की भलाई के प्रति अपनी निष्ठा का प्रमाण दें।वित्त मंत्री ने कहा कि भाजपा बार-बार पंजाबियों के हितों, अधिकारों और भावनाओं पर हमला कर राज्य के माहौल को खराब करने की साजिशें रच रही है। उन्होंने कहा कि इसकी मिसाल तीन काले कृषि कानूनों को लागू करना है — जिन्हें अंतत: पंजाबियों के शांतिपूर्ण विरोध के कारण मोदी सरकार को वापस लेना पड़ा। इसके बाद, भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के मुद्दे पर पंजाब के मान-सम्मान को चुनौती दी गई, और अब पंजाब विश्वविद्यालय को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा का असली उद्देश्य राज्य में खूनी खेल को दोबारा शुरू करना है।
पंजाब में नफरत के बीज नहीं पनप सकते
चीमा ने कहा कि पंजाब गुरुओं और पीरों की धरती है। यहां नफरत के बीज कभी नहीं पनप सकते। कैबिनेट मंत्री चीमा ने विश्वविद्यालय के लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर करने की भाजपा की कोशिशों का भी विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले सीनेट को समाप्त करने के लिए एक अधिसूचना जारी की, लेकिन व्यापक विरोध के बाद उसे वापस लेना पड़ा।
दो साल से अधिक समय से सीनट चुनाव नहीं हुए हैं, और अब भाजपा विश्वविद्यालय में भी अपना कुख्यात वोट चोरी फार्मूला लागू करना चाहती है। आप नेता ने लंबे समय से लंबित सीनट चुनावों की तिथि घोषित करने की मांग की और शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही छात्राओं पर पुलिस लाठीचार्ज की निंदा की। उन्होंने चंडीगढ़ को पंजाब से जोड़ने वाले सभी रास्तों के बंद किए जाने पर कड़ा विरोध जताया और इसे भाजपा द्वारा पंजाब विश्वविद्यालय में हो रहे अमानवीय अत्याचार के विरुद्ध लोगों को रोकने की गैर-लोकतांत्रिक साजिश बताया।
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