Lahore 1947: बड़े पर्दे पर धमाल मचाने को तैयार अली फजल

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Lahore 1947: बड़े पर्दे पर धमाल मचाने को तैयार अली फजल
Lahore 1947: बड़े पर्दे पर धमाल मचाने को तैयार अली फजल

पूरी की लाहौर 1947 की शूटिंग
Lahore 1947, (आज समाज), नई दिल्ली: बॉलीवुड के टैलेंटिड एक्टर अली फजल आखिरी बार ‘मेट्रो इन दिनों’ में नजर आए थे, लेकिन उनकी ये फिल्म आॅडियंस का दिल लुभाने में नाकामयाब रही। अब एक्टर अपनी दो अपकमिंग मूवीज से बड़े पर्दे पर धमाका करने के लिए तैयार हैं। आने वाले दिनों में अली फजल मूवी मिजार्पुर’ और लाहौर 1947 में दिखेंगे। अब खबर मिली है कि एक्टर ने लाहौर 1947 के आखिरी शेड्यूल की शूटिंग भी पूरी कर ली है।

आखिरी स्टेज शूटिंग

बीते वक्त से एक्टर अपनी मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘मिजार्पुर: द मूवी’ के लिए मुंबई और बनारस में शूटिंग कर रहे थे। रिपोर्ट्स की मानें तो मुंबई और बनारस के शेड्यूल पूरा करने के बाद अब अली फजल ने आमिर खान के प्रोडक्शन ‘लाहौर 1947’ की शूटिंग का अपना आखिरी शेड्यूल पूरा कर लिया है। अब ‘लाहौर 1947’ अपने आखिरी स्टेज में है। अपनी जेनरेशन के सबसे वर्सेटाइल एक्टर्स में से एक अली फजल अलग-अलग जॉनर में अपनी दमदार परफॉर्मेंस का सिलसिला जारी रखे हुए हैं।

आमिर खान के प्रोडक्शंस में बन रही लाहौर 1947

आमिर खान प्रोडक्शंस के तले प्रोड्यूस और जाने-माने फिल्ममेकर राजकुमार संतोषी की डायरेक्ट की गई ‘लाहौर 1947’ में सनी देओल, प्रीति जिंटा और शबाना आजमी सहित कई बेहतरीन कलाकार नजर आने वाले हैं। इस साल आॅडियंस को इस पीरियड ड्रामा फिल्म का बेसब्री से इंतजार है, जो भारत के बंटवारे के मुश्किल दौर की कहानी दिखाती है।

काफी इमोशनल सफर रहा

शूटिंग पूरी होने पर अली फजल ने कहा कि लाहौर 1947 की शूटिंग पूरी करना मेरे लिए काफी इमोशनल सफर रहा। ये फिल्म मैंने अब तक जो भी किया है, उससे बिल्कुल अलग है झ्र यह हमारी हिस्ट्री से गहराई से जुड़ी है, फिर भी इसमें ऐसे इमोशन्स हैं जो हमेशा रहने वाले और यूनिवर्सल हैं। राजकुमार संतोषी सर के डायरेक्शन में काम करना अपने आप में एक मास्टरक्लास था।

सनी सर, प्रीति मैम और शबाना जी के साथ काम करना सम्मान की बात

सनी सर, प्रीति मैम और शबाना जी जैसे पावरहाउस कलाकारों के साथ स्क्रीन शेयर करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। सेट पर हर दिन एक सबक जैसा था, न सिर्फ सिनेमा के बारे में, बल्कि काइंडनेस और अपने काम के प्रति समर्पण के बारे में भी।

एक्टर आगे कहते हैं, इस फिल्म ने मुझसे बहुत कुछ मांगा, इमोशनली, मेंटली और फिजिकली भी, और मैं इसके हर पल के लिए शुक्रगुजार हूं। मैं चाहता हूं कि आॅडियंस मेरा वह रूप देखे जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। जैसे ही मैं इस शेड्यूल से आगे बढ़ रहा हूं, मैं उस टीम का बहुत आभारी हूं जिसने इस एक्सपीरियंस को इतना खास बनाया। लाहौर 1947 सिर्फ एक फिल्म से कहीं ज्यादा है। ये एक ऐसी कहानी है जो हमें हमारी जड़ों से जोड़ती है और हमें इंसान के जज्बे की ताकत की याद दिलाती है।