Jind News, आज समाज , जींद। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों एवं संयुक्त किसान मोर्चा के संयुक्त आह्वान पर बुधवार दोपहर बाद मजदूरों, कर्मचारियों, किसानों और आमजन ने मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में प्रदर्शन किया। प्रदश्रन पुराने बस अड्डे से शुरू हुआ और लघु सचिवालय में अधिकारियों को ज्ञापन सौंपने के बाद संपन्न हुआ। इस दौरान मजदूरों ने केंद्र की मोदी सरकार की जनविरोधी, मजदूर विरोधी और किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
आगामी दिनों में आंदोलन को किया जाएगा तेज
प्रदर्शन से पहले पुराने बस अड्डे पर जनसभा को संबोधित करते हुए सीटू जिलाध्यक्ष रमेश चंद्र, सतीश, कपूर सिंह ने एक सुर से केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए चारों लेबर कोड को रद्द करने की मांग की और लेबर कोड्स कि अधिसूचनाओं कि प्रतियां जलाई गई। केंद्र सरकार ने पूंजीपतियों के इशारे पर मजदूरों के सारे अधिकार छीन लिए हैं। अगर ये जनविरोधी नीतियां वापस नहीं ली गई तो आगामी दिनों में आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उन्होंने मांग की कि श्रम संहिताओं को रद्द कर पुरानी मजदूर हितैषी कानूनों को बहाल किया जाए।
न्यूनतम मजदूरी 26 हजार रुपये प्रतिमाह तय की जाए। सभी को पक्की नौकरी, समान काम-समान वेतन लागू हो। ठेका प्रथा, फिक्स्ड टर्म एम्प्लॉयमेंट और अप्रेंटिस नीति को पूरी तरह खत्म किया जाए। सभी असंगठित मजदूरों को 10 हजार रुपये मासिक पेंशन दी जाए। महंगाई पर रोक लगाई जाए तथा पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम तुरंत कम किए जाएं। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बेचने की साजिश बंद हो। पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए। प्रदर्शन में आशा वर्कर्स यूनियन, भवन निर्माण कामगार यूनियन, मनरेगा मेट एवं मजदूर यूनियन, मिड डे मील वर्कर्स यूनियन क्रेच वर्कर्स यूनियन आदि शामिल हुई।
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