Maa Brahmacharini Puja Vidhi: नवरात्र के दूसरे दिन करें मां ब्रह्माचारिणी की पूजा

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Maa Brahmacharini Puja Vidhi: नवरात्र के दूसरे दिन करें मां ब्रह्माचारिणी की पूजा
Maa Brahmacharini Puja Vidhi: नवरात्र के दूसरे दिन करें मां ब्रह्माचारिणी की पूजा

जानें पूजन विधि, भोग और मंत्र
Maa Brahmacharini Puja Vidhi, (आज समाज): नई दिल्ली: नवरात्र का दूसरा दिन देवी ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। यह दिन अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। आज 23 सितंबर को शारदीय नवरात्र का दूसरा दिन है। ऐसा माना जाता है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से सुख और शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में शुभता का आगमन होता है। साथ जीवन में खुशियां आती हैं।

ऐसा कहा जाता है कि जो लोग जीवन में दिव्य ज्ञान की चाहत रखते हैं, उन्हें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा जरूर करनी चाहिए। वहीं, पूजा के दौरान मां की भव्य आरती जरूर करनी चाहिए, क्योंकि इसके बिना मां की पूजा अधूरी होती है।

मां ब्रह्मचारिणी भोग

  • चीनी या पंचामृत और घर पर बनी गुड़ की मिठाई का भोग लगाएं।

मां ब्रह्मचारिणी फूल

  • पीले रंग के फूल अर्पित करें।

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
  • साफ कपड़े धारण करें और मां ब्रह्मचारिणी की मूर्ति के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
  • सफेद मोगरा के फूल चढ़ाएं, श्रृंगार की सामग्री, लाल कुमकुम का तिलक लगाएं।
  • सफेद मिठाई का भोग लगाएं।
  • देवी दुर्गा के मंत्रों का जाप करें और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
  • शाम के समय भी मां की विधिवत पूजा करें और आरती से पूजा को पूर्ण करें।
  • पूजा करने के बाद अपने व्रत का पारण करें।

मां ब्रह्मचारिणी पूजन मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
दधाना कपाभ्यामक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।

मां ब्रह्माचारिणी आरती

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।

जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।

ब्रह्मा जी के मन भाती हो।

ज्ञान सभी को सिखलाती हो।

ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।

जिसको जपे सकल संसारा।

जय गायत्री वेद की माता।

जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।

कमी कोई रहने न पाए।

कोई भी दुख सहने न पाए।

उसकी विरति रहे ठिकाने।

जो तेरी महिमा को जाने।

रुद्राक्ष की माला ले कर।

जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।

आलस छोड़ करे गुणगाना।

मां तुम उसको सुख पहुंचाना।

ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।

पूर्ण करो सब मेरे काम।

भक्त तेरे चरणों का पुजारी।

रखना लाज मेरी महतारी।

देवी स्तोत्र

  • वन्दे वांच्छितलाभायचन्द्रर्घकृतशेखराम्।
    जपमालाकमण्डलुधराब्रह्मचारिणी शुभाम्॥
  • गौरवर्णास्वाधिष्ठानास्थितांद्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम्।
    धवल परिधानांब्रह्मरूपांपुष्पालंकारभूषिताम्॥
  • पद्मवंदनापल्लवाराधराकातंकपोलांपीन पयोधराम्।
    कमनीयांलावण्यांस्मेरमुखीनिम्न नाभि नितम्बनीम्॥
  • तपश्चारिणीत्वंहितापत्रयनिवारिणीम्।
    ब्रह्मरूपधराब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥
  • नवचक्रभेदनी त्वंहिनवऐश्वर्यप्रदायनीम्।
    धनदासुखदा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥
  • शंकरप्रियात्वंहिभुक्ति-मुक्ति दायिनी।
    शान्तिदामानदा,ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम।

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