मिलेगा श्री कृष्ण का आशीर्वाद
Gopashtami, (आज समाज), नई दिल्ली: हर साल गोपाष्टमी का त्योहार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल गोपाष्टमी का त्योहार 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस अवसर पर भगवान श्री कृष्ण और गौ माता की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और साथ में प्रिय भोग भी अर्पित किए जाते हैं। गोपाष्टमी पर्व को लेकर एक मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण और बलराम को गायों को चराने के लिए पहली बार भेजा गया था।
इस दिन से ही श्री कृष्ण ने गोचारण लीला शुरू की थी। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन गौ माता और श्री कृष्ण की उपासना करने से जातक को आशीर्वाद प्राप्त होता है और साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। यह त्योहार मुख्य रूप से वृंदावन, ब्रज और मथुरा में उत्साह के साथ मनाया जाता है। आइए जानते है कि गोपाष्टमी पर गौ पूजा कैसे करें और इसके क्या नियम हैं।
पूजा एवं सेवा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें, उसके बाद गौ माता को स्नान करवाएं।
- पूजा स्थल को गोबर, फूलों, दीपक और रंगोली से सजाएं।
- मंदिर में गौ माता और श्री कृष्ण की प्रतिमा स्थापित करें।
- फिर गौ माता के माथे पर रोली और चन्दन लगाएं, पुष्प अर्पित करें।
- उनके खुरों पर हल्दी और तेल लगाकर आरती करें।
इसके बाद गाय की परिक्रमा भी करें। - गोपाल गोविंद जय जय और गोमाता की जय मंत्र का जाप करें।
- गाय को हरी घास, चारा और गुड़ खिलाएं।
जानें कैसे करें पूजा
- अगर आपके घर पर गाय नहीं है, तो आप मंदिर में गौ माता की प्रतिमा स्थापित करके पूजा-पाठ करें।
- गौशाला जाकर गाय की सेवा कर सकते हैं।
- गौशाला में गायों को भोजन करा सकते हैं, दान दे सकते हैं और उनकी देखभाल भी कर सकते हैं।
- अपनी क्षमतानुसार गौसेवा करें, इससे श्री कृष्ण भी प्रसन्न होंगे।
- अगर गोशाला नहीं है, तो आपके आस-पास इलाके में आपको कई गाय दिख जाएंगी। आप उनकी भी सेवा कर सकते हैं।
गौ सेवा के लाभ
मान्यता है कि गोपाष्टमी पर की गई गौ सेवा से पापों से मुक्ति मिलती है। इससे परिवार में शांति, आर्थिक सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। यह दिन विशेष विशेष रूप से उन लोगों के लिए शुभ माना जाता है, जिनके जीवन में कई बाधाएं आती हैं और मानसिक तनाव रहता है। जो भी साधक सच्चे मन से गौ माता की सेवा करता है, उसे श्री कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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