Tulsi Vivah: तुलसी विवाह आज, करें शालिग्राम जी की आरती

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Tulsi Vivah: तुलसी विवाह आज, करें शालिग्राम जी की आरती
Tulsi Vivah: तुलसी विवाह आज, करें शालिग्राम जी की आरती

हल्दी, मेहंदी, जयमाला, फेरे आदि रस्में जाती हैं निभाई
Tulsi Vivah, (आज समाज), नई दिल्ली: तुलसी विवाह का पर्व आज मनाया जा रहा है। आज शाम के समय तुलसी विवाह का आयोजन किया जाएगा। तुलसी विवाह पर माता तुलसी का विवाह भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप से कराया जाता है। वास्तविक विवाह की तरह ही तुलसी विवाह में भी हल्दी, मेहंदी, जयमाला, फेरे आदि की रस्में की जाती हैं। एक पौराणिक कथा के अनुसार, माता तुलसी असुरराज जलंधर की पत्नी वृंदा थीं। जलंधर के वध के लिए भगवान विष्णु ने उसकी पत्नी वृंदा का सतीत्व भंग किया, जिसके बाद जलंधर का अंत भगवान शिव के हाथों हुआ। वृंदा भगवान विष्णु की भक्त थीं, लेकिन अपने पति की मौत की बात पता चलने के बाद उन्होंने अपने प्राण दे दिए।

फिर वहां पर तुलसी का पौधा उग गया। इस पर भगवान विष्णु ने आशीर्वाद दिया कि उनके शालिग्राम अवतार के साथ तुलसी का विवाह होगा। विष्णु पूजा में तुलसी जरूरी रहेगी। उसके बीना पूजा पूरी नहीं होगी, इसलिए, माता तुलसी का भगवान के शालिग्राम स्वरूप से विवाह कराया जाता है। तुलसी विवाह के दिन माता तुलसी की आरती के साथ शालिग्राम भगवान की आरती भी जरूर करनी चाहिए। ऐसा करने से पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है।

श्री शालिग्राम जी की आरती

शालिग्राम सुनो विनती मेरी। यह वरदान दयाकर पाऊं ॥

प्रात: समय उठी मंजन करके । प्रेम सहित स्नान कराऊँ॥

चन्दन धुप दीप तुलसीदल । वरन -वरण के पुष्प चढ़ाऊँ ॥

तुम्हरे सामने नृत्य करूँ नित। प्रभु घंटा शंख मृदंग बजाऊं ॥

चरण धोय चरणामृत लेकर। कुटुंब सहित बैकुण्ठ सिधारूं॥

जो कुछ रुखा सूखा घर में। भोग लगाकर भोजन पाऊं॥

मन वचन कर्म से पाप किये। जो परिक्रमा के साथ बहाऊँ॥

ऐसी कृपा करो मुझ पर। जम के द्वारे जाने न पाऊं॥

माधोदास की विनती यही है। हरी दासन को दास कहाऊं॥

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