US Shutdown Policy : ट्रंप ने अमेरिका के कर्मचारियों को दिया बड़ा झटका

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US Shutdown Policy : ट्रंप ने अमेरिका के कर्मचारियों को दिया बड़ा झटका
US Shutdown Policy : ट्रंप ने अमेरिका के कर्मचारियों को दिया बड़ा झटका

कहा, शटडाउन की स्थिति में जरूरी नहीं सरकारी कर्मचारियों को वेतन मिले, 7.5 लाख कर्मचारियों में फैली निराशा

US Shutdown Policy (आज समाज), वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने अजीब फैसलों से पूरी दुनिया के साथ-साथ अमेरिका के लोगों को भी चौंका रहे हैं। ट्रंप प्रशासन के ताजा फैसले से अब वहां के करीब 7.5 लाख सरकारी कर्मचारियों में निराशाा का आलम है। कारण यह है कि ट्रंप प्रशासन ने मंगलवार को एक बड़ा बयान देते हुए 2019 की अपनी ही नीति को पलट दिया।

इसके साथ ही यह भी बयान सामने आया कहा है कि सरकार बंद रहने (शटडाउन) की स्थिति में सरकारी कर्मचारियों को पिछला वेतन मिलना तय नहीं है। प्रशासन का इस मामले में कहना है कि वेतन को लेकर फैसला अब कांग्रेस पर निर्भर करेगा कि वह वेतन दे या नहीं। बता दें कि ट्रंप प्रशासन का यह फैसला उस नीति से उलट है जो पहले से चली आ रही थी, जिसमें शटडाउन के बाद करीब 7.5 लाख कर्मचारियों को वेतन दिया जाता था।

2019 में यह कानून बनाया गया था

ज्ञात रहे कि 2019 में हुए शटडाउन के चलते एक कानून बनाया गया था जिसमें यह कहा गया था कि शटडाउन की स्थिति में सरकारी कर्मचारियों को आर्थिक तंगी नहीं होने दी जाएगी और उनका वेतन तय समय पर मिलता रहेग। स्वंय ट्रंप ने ही कानून पर साइन किया था। लेकिन अब व्हाइट हाउस के बजट कार्यालय (ओएमबी) की एक नई चिट्ठी में कहा गया है कि यह वेतन केवल तभी मिलेगा जब कांग्रेस इसे मंजूरी देगी।

ट्रंप प्रशासन का ये कदम डेमोक्रेट्स पर दबाव बनाने की रणनीति माना जा रहा है ताकि वे सरकार फिर से शुरू करने के लिए राजी हो जाएं। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष माइक जॉनसन ने कहा कि इससे डेमोक्रेट्स पर सही कदम उठाने का दबाव बढ़ेगा। हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि उन्होंने यह पूरा मेमो नहीं पढ़ा है।

टैरिफ नीति से अमेरिका पर नकारात्मक असर

अमेरिका के कुछ आर्थिक जानकारों का कहना है कि यह अमेरिका के लिए बुरा है और बाकी दुनिया के लिए अच्छा है। इनमें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर और अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने अमेरिका द्वारा विभिन्न देशों पर लगाए गए टैरिफ के अब तक के नतीजों को निगेटिव बताया है। उनका कहना है कि ट्रंप द्वारा टैरिफ की घोषणा के छह महीने बाद भी इसका कोई खास नतीजा नहीं निकला है।

उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “टैरिफ की घोषणा को छह महीने हो गए हैं। अमेरिका के टैरिफ से क्या हासिल हुआ? क्या सरकार के लिए राजस्व बढ़ा? हां, काफी बढ़ा। लेकिन यह पैसा लगभग पूरी तरह से अमेरिकी कंपनियों और कुछ हद तक अमेरिकी उपभोक्ताओं से ही लिया गया। तो इसने अमेरिकी कंपनियों/उपभोक्ताओं पर एक टैक्स की तरह काम किया। इससे महंगाई बढ़ रही है और जरूरी वस्तुओं के लिए लोगों को पहले से कहीं ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है।

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