प्रदेश के अन्य जिलों में मौसम साफ रहने का जताया गया अनुमान
Haryana Weather Update, (आज समाज), चंडीगढ़: आज अधिकतर हरियाणा में मौसम साफ रहने का अनुमान जताया गया है। मौसम विभाग की ओर से केवल पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और करनाल होने की संभावना व्यक्त की गई है। इसके अलावा इन जिलों में दिनभर बादल छाए रहने का भी अनुमान जताया गया है। इन जिलों को छोड़कर, हरियाणा के किसी अन्य जिले के लिए बारिश का अलर्ट जारी नहीं किया गया है।
मौसम विभाग के पूवार्नुमान के अनुसार, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, कैथल, भिवानी, चरखी दादरी, रोहतक, पानीपत, सोनीपत, झज्जर, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह और पलवल में मौसम पूरी तरह से साफ रहने की संभावना है। मौसम विभाग का कहना है कि 13 सितंबर तक राज्य में मौसम इसी तरह बना रहेगा। इससे पहले मंगलवार बारिश की संभावना नहीं जताई गई थी, इसके बावजूद चरखी दादरी और हिसार के कुछ स्थानों पर बारिश हुई।
सामान्य से 46 फीसदी अधिक हुई बारिश
आईएमडी के अनुसार इस सीजन सबसे ज्यादा बारिश यमुनानगर में 1080.8 एमएम और महेंद्रगढ़ में 818.0 एमएम बारिश दर्ज की गई है, जबकि सबसे कम बारिश सिरसा में 346.6 और भिवानी में 369.0 एमएम बारिश दर्ज हुई है।
अगर बात हरियाणा की करें तो अब तक प्रदेश में सामान्य से 46 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। 9 सितंबर तक औसतन 385.1 एमएम बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन प्रदेश में 563.8 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है।
मृतकों के परिवारों दी जाएगी 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता
हरियाणा सरकार ने भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए 3 करोड़ 26 लाख रुपए का राहत फंड जारी किया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के अनुसार मकान गिरने से हुई 13 मौतों के मामलों में सरकार मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख रुपए की सहायता देगी। उन्होंने बताया कि घायलों को 2-2 लाख रुपए दिए जाएंगे। वहीं, खेतों में पानी भरने से फसल खराब होने पर किसानों को प्रति एकड़ 15 हजार रुपए तक मुआवजा मिलेगा।
सिरसा के 18 गांव में बाढ़ का खतरा

सिरसा घग्घर नदी के टूटे दो बांध आज तक ग्रामीणों एवं प्रशासन द्वारा बांधे नहीं गए हैं। तीन दिनों से लगातार इन बांध से पानी बह रहा है। नतीजा ये हैं कि झोरड़नाली व अहमपुर में बांध टूटने के बाद पानी मीरपुर गांव से ओटू हेड तक जा पहुंचा है। किसानों की खेतों में खड़ी धान की फसल खराब हो गई। घग्घर से जलभराव होने वाले एरिया में सप्लाई काट दी गई है।
ऐसे में बिजली की अन्य व्यवस्था की है। प्रशासन ने तटबंध के साथ लगते एरिया को जिला प्रशासन ने 8 सेक्टर में बांट दिया गया है। जिसमें 2 सेक्टर में करीब 18 गांव को सबसे खतरा बढ़ गया है। ज्यादातर गांव में इसका प्रकोप काफी भयंकर रहा है।