Haryana Weather Update: हरियाणा के 5 जिलों में हुई बारिश

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Haryana Weather Update: हरियाणा के 5 जिलों में हुई बारिश
Haryana Weather Update: हरियाणा के 5 जिलों में हुई बारिश

बुधवार शाम प्रदेश में कई स्थानों पर बारिश के साथ गिरे ओले
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा में गुरुवार को सुबह-सुबह 5 जिलों में बारिश हुई है। इसके अलावा जिलों में तेज हवाएं चल रही हैं और बादल छाए हुए हैं। जिन जिलों में बारिश हुई है, उसमें चरखी दादरी, भिवानी, महेंद्रगढ़ और फतेहाबाद शामिल हैं। दादरी, महेंद्रगढ़ और भिवानी में तेज बारिश हुई, जिससे जगह-जगह जलभराव हुआ। जबकि, फतेहाबाद में बूंदाबांदी देखने मिली। वहीं, हिसार में तेज बारिश के साथ ओले भी गिरे। 6 जून से 9 जून तक मौसम खुश्क रहने की रहेगा। इस दौरान दिन के तापमान में बढ़ोतरी के बीच हल्के बादल और कहीं-कहीं धूल भरी हवाएं चल सकती हैं।

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि इस बार मानसून अपने निर्धारित समय पर दस्तक देगा। मानसून की 28 जून को राज्य में एंट्री होती है और 3 जुलाई तक पूरे प्रदेश में फैल जाता है। वहीं बुधवार देर शाम को मौसम ने करवट ली। 2 जिलों में बारिश के साथ ओले गिरे। कैथल के पूंडरी में बारिश के साथ ओले गिरे। वहीं सिरसा जिले के डबवाली में हल्की बारिश हुई। जींद में बादल छाए रहे और धूल भरी आंधी चली।

10 जिलों में मौसम रहेगा खराब

मौसम विभाग के मुताबिक, आज 10 जिलों में मौसम खराब रहेगा। इनमें चरखी दादरी, भिवानी, रोहतक, हिसार, सोनीपत, जींद, गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, झज्जर और फतेहाबाद शामिल हैं। बुधवार, 4 जून को भी हरियाणा के कैथल और सिरसा में मौसम बिगड़ा था, जिससे कैथल में बारिश के साथ ओलावृष्टि और सिरसा में तेज बारिश हुई। वहीं, हिसार में भी तेज बारिश के साथ ओले गिरे।

मानसून के सामान्य से बेहतर रहने की संभावना

डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि मानसून के अपने निर्धारित समय पर ही आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि मानसून राज्य में दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड से प्रवेश कर सकता है, जो हवा की दिशा पर निर्भर करता है। मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष मानसून सामान्य से बेहतर रहने की संभावना है।

पिछले साल 5 फीसदी कम हुई बारिश

2024 में मानसून के दौरान सामान्य से 5% फीसदी कम बारिश हुई थी। हरियाणा में जून से सितंबर तक मानसून की अवधि मानी जाती है। सामान्य तौर पर 430.7 एमएम बारिश मानसून में होती है, मगर पिछले साल यह आंकड़ा 409.4 एमएम तक ही पहुंच पाया था।

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