Punjab Haryana Water Dispute : पंजाब-हरियाणा के सीएम को केंद्र सरकार ने दिल्ली बुलाया

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Punjab Haryana Water Dispute : पंजाब-हरियाणा के सीएम को केंद्र सरकार ने दिल्ली बुलाया
Punjab Haryana Water Dispute : पंजाब-हरियाणा के सीएम को केंद्र सरकार ने दिल्ली बुलाया

दशकों से चल रहा पानी विवाद सुलझाने की कोशिश, जल्द नई दिल्ली में होगी मुलाकात

Punjab Haryana Water Dispute (आज समाज), चंडीगढ़/नई दिल्ली : हरियाणा और पंजाब के बीच दशकों से चले आ रहे पानी विवाद को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार ने एक बार फिर से हरियाणा और पंजाब के सीएम को बैठक के लिए बुलाया है। इस बार बैठक का न्योता केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा दिया गया है।

जिसने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र भेजकर इस मुद्दे पर जल्द बैठक करने को कहा है।बता दें कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने यह पहल तब की है जब उनके पूर्ववर्ती मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के समय इस मुद्दे पर बातचीत विफल रही थी। अब केंद्र दोनों राज्यों के बीच मध्यस्थता के जरिए समाधान निकालने की कोशिश कर रहा है।

मई में सुप्रीम कोर्ट ने सुलह के लिए कहा था

मई में सुप्रीम कोर्ट ने फिर से पंजाब और हरियाणा को मामले को सुलझाने के लिए केंद्र के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने पहले जल शक्ति मंत्री को इस मामले में मुख्य मध्यस्थ नियुक्त किया था और उनसे कहा था कि वे केवल ‘मूक दर्शक’ बने रहने के बजाय सक्रिय भूमिका निभाएं।

नीति आयोग की टीम के सामने रखा पक्ष

पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान ने एक बार फिर से पंजाब के पानी का मुद्दा उठाते हुए कहा है कि पंजाब पानी की किल्लत के भयानक दौर से गुजर रहा है। मान ने कहा कि राज्य के ज्यादात्तर जिले डार्क जोन में जा चुके हैं और भूमिगत जल का संकट बहुत जल्द प्रदेश के सामने होगा। मान ने इसको लेकर नीति आयोग की टीम के सामने राज्य का पक्ष जोरदार ढंग से रखा और समर्थन की मांग की ताकि एक ओर पंजाब का समग्र विकास सुनिश्चित हो और दूसरी ओर इसके हितों की भी रक्षा हो।

भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) की पक्षपातपूर्ण रवैये का मुद्दा उठाते हुए, मुख्य मंत्री ने कहा कि बोर्ड का गठन पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 के प्रावधानों के तहत किया गया था, जिसका अधिकार भाखड़ा, नंगल और ब्यास परियोजनाओं से भागीदार राज्यों पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ़ को पानी और बिजली की आपूर्ति को नियंत्रित करने के लिए है।

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