Haryana Assembly: चंडीगढ़ में नई विधानसभा बनाने के हरियाणा के प्रस्ताव को केंद्र ने किया खारिज

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Haryana Assembly: चंडीगढ़ में नई विधानसभा बनाने के हरियाणा के प्रस्ताव को केंद्र ने किया खारिज
Haryana Assembly: चंडीगढ़ में नई विधानसभा बनाने के हरियाणा के प्रस्ताव को केंद्र ने किया खारिज

चंडीगढ़ प्रशासन को किसी भी तरह की आगे की कार्रवाई न करने की दी सलाह
Haryana Assembly, (आज समाज), चंडीगढ़: हरियाणा की नई विधानसभा चंडीगढ़ में नहीं बनेंगी। केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ में नई विधानसभा बनाने के हरियाणा के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इसे बारे में गृह मंत्रालय ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को सलाह भी दी है। गृह मंत्रालय ने साफ शब्दों में कहा कि अब चंडीगढ़ प्रशासन से किसी तरह की आगे की कार्रवाई न करें।

गृह मंत्रालय की इस हिदायत से अब साफ हो गया है कि चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा का नया भवन नहीं बनेगा। केंद्र सरकार द्वारा चंडीगढ़ को स्वतंत्र यूटी का ऐलान करने के लिए 131 वीं शोद्ध बिल को वापिस लेने के बाद पंजाब में के लिए यह दूसरा बड़ा फैसला लिया है।

यूटी प्रशासन ने 10 एकड़ भूमि देने पर जताई थी सहमति

गौरतलब है कि जुलाई 2022 में जयपुर में हुई उत्तरी जोनल काउंसिल की बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हरियाणा को नई विधानसभा के लिए भूमि उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। इसके बाद जुलाई 2023 में यूटी प्रशासन ने सिद्धांतत 10 एकड़ जमीन हरियाणा को देने पर सहमति जताई थी। यह जमीन चंडीगढ़ के आईटी पार्क के पास रेलवे लाइट प्वाइंट के नजदीक है और इसकी कीमत करीब 640 करोड़ रुपए आंकी गई है।

हरियाणा ने बदले में 12 एकड़ जमीन देने का रखा था प्रस्ताव

योजना के तहत हरियाणा ने बदले में पंचकूला के सेक्टोरियल क्षेत्र के पास 12 एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन जनवरी 2024 में यूटी प्रशासन ने विस्तृत सर्वे के बाद इसे खारिज कर दिया। शहरी नियोजन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार यह जमीन नीची थी, बीच से नाला गुजरता था और पहुंच मार्ग भी उचित नहीं थे। इसे सार्वजनिक उपयोग के लिए अनुपयुक्त बताया गया।

पंजाब जता चुका विरोध

हरियाणा को जमीन देने का पंजाब सरकार ने कड़ा विरोध किया था। पंजाब के वरिष्ठ मंत्री गुरलाल घनौर ने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है। हरियाणा यहां सिर्फ भवन का उपयोग कर रहा है। नई विधानसभा के लिए कोई भी निर्माण पंजाब कभी मंजूर नहीं करेगा।

योजना को आगे न बढ़ाए हरियाणा

स्वैप डील को यूटी प्रशासन ने औपचारिक रूप से खारिज कर दिया और सुझाव दिया कि यदि हरियाणा चाहता है तो यह जमीन लगभग 640 करोड़ के मौजूदा बाजार मूल्य पर खरीदी जा सकती है। हरियाणा की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। गृह मंत्रालय ने हरियाणा सरकार को पत्र लिखकर साफ कहा कि वह इस योजना को आगे न बढ़ाए और प्रस्ताव को यहीं समाप्त किया जाए।

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