Air Pollution Haryana: हरियाणा के बहादुरगढ़ और धारूहेड़ा की हवा जहरीली

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Air Pollution Haryana: हरियाणा के बहादुरगढ़ और धारूहेड़ा की हवा जहरीली
Air Pollution Haryana: हरियाणा के बहादुरगढ़ और धारूहेड़ा की हवा जहरीली

जींद भी रेड जॉन में, बारिश के आसार नहीं
Air Pollution Haryana, (आज समाज), चंडीगढ़: हरियाणा के दिल्ली से सटे इलाकों में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। इन शहरों में प्रदूषण का स्तर बेहद ही गंभीर स्थिति में पहुंच चुका है, जिस कारण प्रदूषण के मामले में हरियाणा देश के टॉप राज्यों में शामिल हो चुका है।

हालांकि प्रशासन की ओर से प्रदूषण को रोकने के इंतजाम किए जा रहे हैं, लेकिन वो नाकाफी साबित हो रहे हैं। हरियाणा का बहादुरगढ़ और धारूहेड़ा देशभर में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर हैं। बहादुरगढ़ में एक्यूआई 325, धारूहेड़ा में 322 रहा, जबकि जींद में एक्यूआई 302 दर्ज किया गया है। यह तीनों शहर रेड जोन में हैं।

अस्पतालों में बढ़ रही मरीजों की संख्या

हालांकि, उत्तर-पश्चिमी हवा चलने से प्रदूषण के स्तर में कमी आई है। मगर, फिर भी प्रदूषण लोगों की सेहत बिगाड़ रहा है। मौसम विभाग की माने तो आने वाले 5 दिनों में बारिश के कोई आसार नहीं हैं। उधर, बढ़ते प्रदूषण को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने दमा, खासी और एलर्जी की दवाओं का स्टॉक पूरा कर लिया है। प्रदूषण के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है।

दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप का दूसरा चरण लागू

19 अक्टूबर को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांसिबल एक्शन प्लान के चरण कक को लागू किया था। अगर एक्यूआई 201 से 300 के बीच है, तो हवा खराब मानी जाती है। इसमें ग्रैप का पहला स्टेज लागू होता है। 301 से 400 के बीच एक्यूआई होने पर हवा बहुत खराब होती है और ग्रैप का दूसरा स्टेज लागू किया जाता है।

जब एक्यूआई 401 से 450 के बीच होता है, तो हवा गंभीर श्रेणी में आती है और ग्रैप का तीसरा स्टेज लागू होता है। अगर, एक्यूआई 450 से ऊपर चला जाए तो हवा बेहद गंभीर”मानी जाती है और ग्रैप का चौथा स्टेज लागू होता है।

पीला या काला कोहरा होता है स्मॉग

हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार, स्मॉग एक तरह का पीला या काला कोहरा होता है। यह वायु प्रदूषण के मिश्रण से बनता है, जिसमें नाइट्रोजन आॅक्साइड, सल्फर आॅक्साइड और कुछ कार्बनिक कंपाउंड शामिल होते हैं। ये सभी मिलकर सूर्य के प्रकाश के साथ प्रतिक्रिया करके ओजोन बनाते हैं।

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