
- प्रदेश सरकार की तरफ से वीर बाल दिवस के उपलक्ष्य में पानीपत में आयोजित किया सैंड ऑफ आर्ट शो
Sand Art Show, (आज समाज), पानीपत : ऐतिहासिक नगरी पानीपत की सरजमीन पर सैंड ऑफ आर्ट के माध्यम से श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 4 साहिबजादों अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह व फतेह सिंह के शहादत के हर लम्हें को अनोखे अंदाज में दिखाया गया। इस 40 मिनट के सेंड ऑफ आर्ट शो में मुगलों के जुल्म और 4 साहिबजादों की वीरगाथा को युवा पीढ़ी के समक्ष रखा गया। इस सैंड आफ आर्ट शो का आयोजन वीर बाल दिवस के उपलक्ष में हरियाणा के कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की तरफ से आयोजित किया गया।
वीर बाल दिवस के उपलक्ष में आयोजित सैंड ऑफ आर्ट शो का शुभारंभ
हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की तरफ से प्रदेश सरकार के आदेशानुसार आर्य कालेज के सभागार में वीर बाल दिवस के उपलक्ष में आयोजित सैंड ऑफ आर्ट शो का शुभारंभ जिला शिक्षा अधिकारी राकेश बुरा ने किया। इस सैंड ऑफ आर्ट शो में एनएसबी के कलाकार ओम प्रकाश ने 10वीं पातशाही श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 4 साहिबजादों के जन्म, खालसा पंथ की स्थापना के बाद मुगल शासकों, सरहिंद के सूबेदार वजीर खां द्वारा आक्रमण के बाद 20-21 दिसंबर 1704 को मुगल सेना से युद्ध करने के लिए गुरु गोबिंद सिंह जी ने परिवार सहित श्री आनंदपुर साहिब किले को छोडऩा, सरसा नदी पर जब गुरु गोबिंद सिंह जी के परिवार का बिछडऩे को दिखाया गया।
सोने की मोहरें भेंट की
कलाकार ओमप्रकाश ने गंगू ने लालच में आकर तुरंत वजीर खां को गोबिंद सिंह की माता और छोटे साहिबजादों के उसके यहां होने की खबर दे दी जिसके बदले में वजीर खां ने उसे सोने की मोहरें भेंट की, खबर मिलते ही वजीर खां के सैनिक माता गुजरी और 7 वर्ष की आयु के साहिबजादा जोरावर सिंह और 5 वर्ष की आयु के साहिबजादा फतेह सिंह को गिरफ्तार करने गंगू के घर पहुंच गए। उन्हें लाकर ठंडे बुर्ज में रखा गया।
भरी सभा में उन्हें इस्लाम धर्म कबूल करने को कहा गया
उस ठिठुरती ठंड से बचने के लिए कपड़े का एक टुकड़ा तक ना देना, रात भर ठंड में ठिठुरने के बाद सुबह होते ही दोनों साहिबजादों को वजीर खां के सामने पेश किया गया, जहां भरी सभा में उन्हें इस्लाम धर्म कबूल करने को कहा गया, सभा में पहुंचते ही बिना किसी हिचकिचाहट के दोनों साहिबजादों ने ज़ोर से जयकारा लगा जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल,यह देख सब दंग रह गए, वजीर खां की मौजूदगी में कोई ऐसा करने की हिम्मत भी नहीं कर सकता लेकिन गुरु जी की नन्हीं जिंदगियां ऐसा करते समय एक पल के लिए भी ना डरीं के इतिहास को अपनी कला के माध्यम से युवा पीढ़ी के समक्ष रखा।
उन्होंने ‘जपुजी साहिब’ का पाठ करना शुरू कर दिया
सैंड आफ आर्ट के इस शो में वजीर खां ने दोनों साहिबजादों को काफी डराया, धमकाया और प्यार से भी इस्लाम कबूल करने के लिए राज़ी करना चाहा, लेकिन दोनों अपने निर्णय पर अटल थे, आखिर में दोनों साहिबजादों को जिंदा दीवारों में चुनवाने का ऐलान किया गया, दोनों साहिबजादों को जब दीवार में चुनना आरंभ किया गया तब उन्होंने ‘जपुजी साहिब’ का पाठ करना शुरू कर दिया, 27 दिसम्बर सन् 1704 को दोनों छोटे साहिबजादे और जोरावर सिंह व फतेह सिंहजी को दीवारों में चुनवा दिया गया। उधर दूसरी ओर साहिबदाजों की शहीदी की खबर सुनकर माता गुजरी जी ने अकाल पुरख को इस शहादत के लिए शुक्रिया किया और अपने प्राण त्याग दिए।
शहादत को सैंड ऑफ आर्ट में दिखाया गया
इतना ही नहीं चमकौर साहिब के युद्ध में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी साहिबजादे अजीत सिंह व जुझार सिंह ने अतुलनीय वीरता का प्रदर्शन करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए की शहादत को सेंड ऑफ आर्ट में दिखाया गया। इस सैंड ऑफ आर्ट शो की सभी ने प्रशंसा की है। स्कूल के प्रांगण में दर्जनों बच्चों ने वीर बाल दिवस के उपलक्ष में आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता में भाग लिया। इस मौके पर जिला सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी डा.सुनील बसताडा, डिस्ट्रिक्ट कॉर्डिनेटर संदीप रतेवाल, नोडल अधिकारी मीनाक्षी शर्मा, अनीता बठला, मुकेश हेड टीचर, नरेश मलिक व प्राध्यापक शशिकान्त शर्मा आदि मौजूद रहे।
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