मेडिकल छात्रों की पढ़ाई से जुड़े नियम व तौर-तरीकों का निर्धारण करना था कमेटी का काम
Delhi Blast Update, (आज समाज), नई दिल्ली/फरीदाबाद: दिल्ली ब्लास्ट के तार हरियाणा के फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ने के बाद जांच एजेंसियों की ओर से हर रोज नए खुलासे किए जा रहे है। तााजा जांच में पता चल है कि आतंकी मॉड्यूल से जुड़ी डॉ. शाहीन सईद अल यूनिवर्सिटी की करिकुलम कमेटी में नंबर-3 की पोजिशन पर थी, लेकिन इस कमेटी का गठन कब किया गया इसकी कोई जानकारी नहीं है।
जांच एजेंसी इस कमेटी में शामिल दूसरे सदस्यों का भी रिकॉर्ड चेक कर रही हैं। जांच एजेंसियों को शक है कि डॉ. शाहीन अपने पद का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कर रही थी। डॉ. शाहीन अपने पद के दम पर दूसरों लोगों का माइंडवॉश कर रही थी।
यह था कमेटी का काम
इस कमेटी का काम मेडिकल छात्रों की पढ़ाई से जुड़े नियम व तौर-तरीकों का निर्धारण करना, सिलेबस में सुधार या बदलाव का प्रस्ताव देना, एमबीबीएस स्टूडेंट्स की प्रैक्टिकल व क्लिनिकल ट्रेनिंग के मानक तय करना था। इसके अलावा यह कमेटी मेडिकल एजुकेशन यूनिट के माध्यम से शिक्षकों के मॉड्यूल और ट्रेनिंग का रोडमैप तैयार करती है।
कमेटी में डॉ. शहीन की पैरा-क्लिनिकल प्रतिनिधि के तौर पर हुई थी नियुक्ति
इस कमेटी में डॉ. शाहीन को पैरा-क्लिनिकल प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्त किया गया था। कमेटी में वाइस चांसलर भूपेन्द्र कौर आनंद नंबर-1 पोजिशन पर और मनवीन कौर लाल नंबर-2 पोजिशन पर हैं। कमेटी में प्री-क्लिनिकल, पैरा-क्लिनिकल, मेडिकल और सर्जिकल स्पेशियलिटी के विशेषज्ञ शामिल हैं।
कश्मीरी मूल के लोगों पर विशेष नजर
जांच एजेंसियां फरीदाबाद जिले के सभी कालेजों, यूनिवर्सिटी और अस्पताल में कार्यरत दूसरे राज्यों के डॉक्टरों, प्रोफेसरों, कर्मियों की जानकारी इकट्ठी कर रही हैं। खासकर कश्मीरी मूल के लोगों पर नजर है।
पुलिस के मुताबिक जम्मू-कश्मीर से आकर काम करने वाले या फिर पढ़ाई करने वाले सभी का रिकॉर्ड चेक किया जा रहा है। कॉलेज और अस्पताल में काम करने वाले के बारे में पता किया जा रहा है कि इनकी नियुक्ति प्रक्रिया क्या रही, कब से कार्यरत हैं, बैकग्राउंड क्या है।
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