Shivaratri is the Festival of Lord Shiva: शिवभक्तों का पर्व शिवरात्रि, सजे शिवालय

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Shivaratri is the Festival of Lord Shiva
Shivaratri is the Festival of Lord Shiva
  • जलाभिषे के लिए ब्रह्म मुहूर्त प्रात: चार बजकर 15 मिनट से प्रात: चार बजकर 56 मिनट तक रहेगा
  • विशेष फलदायी है शिवरात्रि : नवीन शास्त्री

आज समाज नेटवर्क, जींद:

Shivaratri is the Festival of Lord Shiva: शिवरात्रि पर्व को लेकर जिलाभर के शिवालय पूरी तरह से सज गए हैं। शिवरात्रि को लेकर मंदिरों में चल रही तैयारियों से वातावरण भी शिवमय हो गया है। बुधवार को तड़के से ही बम भोले के जयघोष गूंजने लगेंगे और यह क्रम पूरे दिन जारी रहेगा। शिवरात्रि पर्व को देखते हुए मंदिरों की विशेष साज सज्जा की गई है।

श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो

स्थानीय मंदिरों में जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो, इसके लिए विशेष कदम उठाए गए हैं। इस दौरान शिवभक्त हरिद्वार से गंगा जल लाकर भगवान शिव का अभिषेक करेंगे। वहीं शिवरात्रि पर्व पर सफीदों गेट स्थित जींद शहर के प्राचीन भूतेश्वर मंंदिर, रानी तालाब स्थित शिव मंदिर में भी श्रद्धालु जलाभिषेक करेंगे। वहीं मंगलवार को पूरे दिन डाक कावड, कावड़ गुजरने का सिलसिला जारी रहा। शहर के प्रमुख चौराहों पर जगह-जगह पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। जो कावडियों को रास्ता उपलब्ध करवा रहे थे।

यह रहेगा जलाभिषेक का मुहुर्त Shivaratri is the Festival of Lord Shiva

सावन शिवरात्रि पर भद्रा का समय प्रात: पांच बजकर 37 मिनट से दोपहर तीन बजकर 31 मिनट तक रहेगा। ऐसे में श्रद्धालु शिवरात्रि पर ब्रह्म मुहूर्त में भगवान शिव का जलाभिषेक कर सकेंगें। ब्रह्म मुहूर्त प्रात: चार बजकर 15 मिनट से प्रात: चार बजकर 56 मिनट तक रहेगा। इस बार सावन शिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि, गजकेसरी, नवपंचम जैसे कई राजयोगों का निर्माण हो रहा है। शिवरात्रि के दिन शिव स्तुति, शिव मंत्र, शिव सहस्रनाम, शिव चालीसा, शिव तांडव, रुद्राष्टक, शिव पुराण और शिव आरती गाना अत्यधिक फलदायी माने जाते हैं।

शिव रात्रि पर जयंती देवी मंदिर में व्रतधारियों के लिए बनेगी खीर

महाभारत कालीन जयंती देवी मंदिर में भगवान शिवजी का व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं के  लिए सामकिये की खीर के प्रबंध में श्रद्धालु तैयारी करते हुए नजर आए। मंदिर पुजारी नवीन कुमार शास्त्री ने बताया कि मंदिर में सामकिये की दो क्विंटल खीर बनाई जाएगी। मंदिर में चार प्रहर की पूजा की जाएगी। इसके अलावा सावन माह के दौरान  प्रतिदिन रूद्राभिषेक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

जयंती देवी मंदिर में होगा रूद्राभिषेक कार्यक्रम Shivaratri is the Festival of Lord Shiva

जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि भगवान शिव की  पूजा करते वक्त बिल्व पत्र, शहद, दूध, दही, शक्कर और गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से सारी समस्याएं दूर होती हैं और मांगी हुई मुराद भी पूरी होती है। हर बार की तरह इस बार भी शिवरात्रि पर्व विशेष फलदायी है। भगवान शिव की विधि-विधान पूर्वक पूजा करने तथा व्रत रखने से विशेष फल मिलेगा। शिवरात्रि पर्व पर मंदिर परिसर में महारूद्राभिषेक का आयोजन किया जाएगा। भगवान शिव का दूध,दही, शहद और जल से अभिषेक और पूजन, स्तुतिगान किया जाएगा।

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