Haryana Flood Situation: हरियाणा में नदियां उफान पर, फसलें डूबी, 1932 से अधिक गांवों में जलभराव

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Haryana Flood Situation: हरियाणा में नदियां उफान पर, फसलें डूबी, 1932 से अधिक गांवों में जलभराव
Haryana Flood Situation: हरियाणा में नदियां उफान पर, फसलें डूबी, 1932 से अधिक गांवों में जलभराव

4.68 लाख एकड़ फसल खराब होने का किया जा रहा दावा
Haryana Flood Situation, (आज समाज), चंडीगढ़: पहाड़ों और मैदानी इलकों में हो रही बारिश के कारण हरियाणा से गुजरने वाली नदियां उफान पर है। सभी नदियों ने अपना रौद्र रूप दिखाया हुआ है। सभी खतरे के निशान से उपर बह रही है। यमुना, घग्गर, मारकंडा, टांगरी, रूण, बेगना, राक्षी, सोम-पथराला आदि नदियों ने हरियाणा में जमकर उत्पात मचाया। किसानों की फसले डूब चुकी है।

हजारों गांव जलभराव की समस्या से जुझ रहे है। 70 से ज्यादा मकान ढहने या उनमें दरारें आने की सूचना है। सरकार के ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर ही 76 हजार से ज्यादा किसानों की ओर से करीब 4.68 लाख एकड़ फसल को बरसात या जलभराव से नुकसान होने का दावा किया गया है। हालांकि सरकार अभी वेरिफिकेशन के बाद ही आंकड़ा जारी करेगी। बरसात से जुड़े कारणों की वजह से अब तक 18 मौत प्रदेश में हो चुकी हैं।

इन जिलों में ज्यादा नुकसान

हरियाणा के 11 जिले ऐसे हैं, जहां बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। इसमें अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, सोनीपत, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, गुरुग्राम, नूंह व फरीदाबाद जिले शामिल हैं। ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर फसल खराबे के आवेदन आए हैं, उनमें से सरकार की ओर से पटवारी स्तर पर सिर्फ 1487 एकड़ फसल का सर्वे हो पाया है।

सरकार ने ई-क्षति पोर्टल खोला

सीएम नायब सैनी कह चुके हैं कि 15 सितंबर तक ई-क्षति पोर्टल खोला गया है। पूरी रिपोर्ट आने के बाद प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। वहीं, कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने भी कहा है कि चौमासे (बरसात का मौसम) में बारिश तो होगी ही। सरकार की ओर से प्रभावित किसानों, ग्रामीणों को राहत देने की तैयारी है। जल्द ही सरकार की ओर से राहत भरी खबर दी जाएगी।

60 घंटे से खतरे के निशान से ऊपर बह रही यमुना

खतरे के निशान से ऊपर बह रही यमुना।
खतरे के निशान से ऊपर बह रही यमुना।

यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज पर यमुना नदी लगातार 60 घंटे से खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इससे पहले साल 2019 में यमुना में लगातार 3 दिन तक 3 लाख क्यूसेक से ऊपर जल स्तर रहा था।

मारकंडा नदी में आया 52,694 क्यूसेक पानी

मुलाना क्षेत्र में बुधवार को मारकंडा नदी का जलस्तर 52,694 क्यूसेक दर्ज किया गया। विभाग के आंकड़ों के मुताबिक कई साल बाद नदी में इतना पानी आया है। इस सीजन में तीन बार 45 हजार क्यूसेक से ऊपर पानी आ चुका है।

टांगरी 40,500 क्यूसेक पानी किया गया दर्ज

टांगरी 40,500 क्यूसेक पानी किया गया दर्ज।
टांगरी 40,500 क्यूसेक पानी किया गया दर्ज।

बुधवार शाम को साढ़े 7 बजे टांगरी नदी में महेशनगर में 40,500 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया। बताया जा रहा है कि कई साल बाद नदी में इतना बहाव देखा गया है। पिछले सप्ताह नदी में 38 हजार क्यूसेक पानी दर्ज हुआ था। दोनों बार 10 कॉलोनियों से पलायन हुआ।

फरीदाबाद के 14 गांव में बाढ़ का खतरा

फरीदाबाद के 14 गांव में बाढ़ का खतरा।
फरीदाबाद के 14 गांव में बाढ़ का खतरा।

फरीदाबाद में यमुना नदी अब खतरे के निशान पर बह रही है। जिसके चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आबादी वाले क्षेत्र मे सबसे ज्यादा प्रभावित गांव बसंतपुर हो रहा है। यहां पर पिछले तीन दिनों में 3 हजार से ज्यादा घरों को खाली कराया जा चुका है। इन घरों में रहने वाली करीब 8 हजार की आबादी बेघर हो चुकी है।

लोगों की आखों के सामने उनके घर डूब रहे हैं। दिल्ली ओखला बैराज से यमुना में 2 लाख 35 हजार 550 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। प्रशासन ने 14 गांव में बाढ़ का खतरा घोषित किया और स्वास्थ्य विभाग की 14 टीमें लोगों को दवाई वितरित करने का काम कर रही हैं। जलभराव के इलाके से लोगों को निकालने के लिए एसडीआरएफ की 9 टीमें काम कर रही हैं।

7 गांव संवेदनशील घोषित

प्रशासन ने यमुना से लगते 27 गांव संवेदनशील गांवों में बसंतपुर, किडावली, लालपुर, महावतपुर, राजपुर कलां, तिलोरी खादर, अमीपुर, चिरसी, मंझावली, शाहजहांपुर, चांदपुर, मोठूका, नंगला, घरोड़ा, घुड़ासन, रायपुर कलां, इमामुद्दीनपुर, बेला, साहूपुरा खादर, अलीपुर शिकारगाह, अरुआ, छायंसा, छायंसा झुग्गी और मोहना को संवेदनशील घोषित किया हुआ है।

खतरे के निशान से उपर बह रही मारकंडा और घग्घर

खतरे के निशान से उपर बह रही मारकंडा और घग्घर।
खतरे के निशान से उपर बह रही मारकंडा और घग्घर।

कुरुक्षेत्र में मारकंडा नदी ने शाहाबाद में तबाही मचा रखी है। नैसी गांव के पास मारकंडा का तटबंध भी टूट गया। मारकंडा के बाद घग्गर और राक्षी नदी ने भी रौद्र रूप घारण कर लिया है। पिहोवा में घग्गर के पानी से 4 गांव की सड़कें और खेत डूबे हुए हैं, तो लाडवा में राक्षी नदी ने 2 जगह से तटबंध भी टूट गया। हांलाकि इससे तबाही नहीं हुई।

पिहोवा में घग्गर ओवरफ्लो तो शाहाबाद, झांसा व इस्माइलाबाद में मारकंडा नदी खतरे के निशान 256 मीटर से .20 मीटर ऊपर होकर बह रही है। मारकंडा में 32,243 क्यूसेक पानी रिकॉर्ड किया गया है। पिहोवा और शाहाबाद में अगले आदेश तक स्कूल, कॉलेज और आंगनबाड़ी बंद रहेंगे।

कुरुक्षेत्र में मारकंडा नदी का तटबंध टूटा, कई गांव में बाढ़ का खतरा

कुरुक्षेत्र के इस्माइलाबाद के नैसी गांव के पास मारकंडा का तटबंध टूटा गया। जिससे टबरा, नैसी, मडाडो, जोधपुर, जंधेडी, शेरगढ़ और बालापुर गांवों पर जलभराव का खतरा है। उधर, शाहाबाद के 8 गांवों में भी मारकंडा नदी का पानी चारों तरफ फैल चुका है। नदी में 32 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी बह रहा है। वहीं झांसा और जलबेहड़ा के आसपास हाई अलर्ट जारी किया गया। इसके अलावा लाडवा में राक्षी का तटबंध 2 जगह से टूट गया।

शाहाबाद के 8 गांव में पानी फैला

शाहाबाद के 8 गांव में पानी फैला।
शाहाबाद के 8 गांव में पानी फैला।

शाहाबाद के कठवा, मुगल माजरा, पट्टी जामड़ा, मलकपुर और गुमटी में खेतों के साथ सड़कें भी पानी में डूबी हुई है। यहां लोगों को पानी के बीच से होकर ही अपने गंतव्य की ओर जाना पड़ रहा है। इसके अलावा तंगौर, अरूप नगर और मदनपुर के खेतों में भी पानी भर चुका है।

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