Haryana News: हरियाणा में भूकंप-बाढ़ और सेना सिक्योरिटी पर होगा शोध

0
65
Haryana News: हरियाणा में भूकंप-बाढ़ और सेना सिक्योरिटी पर होगा शोध
Haryana News: हरियाणा में भूकंप-बाढ़ और सेना सिक्योरिटी पर होगा शोध

भारत सरकार ने आॅपरेशन द्रोणगिरि हरियाणा सहित 5 राज्यों का किया चयन
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: भारत सरकार ने राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति के तहत आॅपरेशन द्रोणगिरि के पहले फेज में हरियाणा सहित 5 राज्यों का चयन किया है। इन राज्यों से केंद्र सरकार जियोस्टेशियल डेटा एकत्र करेगी। डेटा एकत्रित करने के लिए भूकंप-बाढ़ और सेना सिक्योरिटी जैसे मुद्दों पर शोध होगा। पायलट प्रोजेक्ट के रूप हरियाणा के सोनीपत को चुना गा है। राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति का उद्देश्य राष्ट्रीय विकास, आर्थिक समृद्धि एवं सूचना आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है।

कार्य बेहतर हो इसके लिए हरियाणा सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है। ये कमेटियां स्टेट लेवल और डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटियां काम करेंगी। हरियाणा के अलावा महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, असम और उत्तर प्रदेश राज्यों को भी प्रथम चरण के लिए चुना गया है।

सर्वे आॅफ इंडिया नोडल एजेंसी

आॅपरेशन द्रोणगिरि का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले भू-स्थानिक आंकड़ों को सेवा प्रदाताओं तक पहुंचाना है, ताकि कृषि, परिवहन, बुनियादी ढांचा, आजीविका एवं कौशल विकास जैसे क्षेत्रों की विशिष्ट चुनौतियों का समाधान किया जा सके। इस परियोजना की नोडल एजेंसी सर्वे आॅफ इंडिया है और हरियाणा के सोनीपत को इसके आरंभ स्थल के रूप में चुना गया है।

राज्य स्तरीय समिति की गठित

इस पहल की प्रभावी निगरानी एवं समन्वय सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने एक राज्य स्तरीय समिति गठित की है। जिसकी अध्यक्षता भूमि अभिलेख निदेशक हरियाणा करेंगे। सर्वे आॅफ इंडिया हरियाणा के निदेशक को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है। समिति में हरसेक के निदेशक, जिला राजस्व अधिकारी (मुख्यालय), सहायक निदेशक (मुख्यालय) और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन कार्यालय से आईटी महाप्रबंधक अभिनव पहल भी इसके सदस्य होंगे।

जिलास्तर पर उपायुक्त करेंगे समिति की अध्यक्षता

जिलास्तर पर सोनीपत में जिला उपायुक्त समिति की अध्यक्षता करेंगे। जबकि सर्वे आॅफ इंडिया हरियाणा के अधीक्षक सर्वेक्षक सदस्य सचिव होंगे। जिला राजस्व अधिकारी सोनीपत एवं राजस्व व आपदा प्रबंधन विभाग के आईटी महाप्रबंधक सदस्य के रूप में कार्य करेंगे।

यह होगी कमेटियों की जिम्मेदारी

कमेटी का काम पायलट प्रोजेक्ट संचालन रूपरेखा तय करना, केंद्र एवं राज्य एजेंसियों के बीच कोआर्डिनेशन बनाना और प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग करना होगा। इसके अतिरिक्त ये कमेटियां जमीनी स्तर पर आने वाली चुनौतियों का समाधान कर समयबद्ध निर्णय लेना सुनिश्चित करेंगी। ये प्रोजेक्ट उन्नत ड्रोन आधारित मानचित्रण और भू-स्थानिक तकनीकों का उपयोग करके सरकारी सेवाओं की दक्षता बढ़ाने के लिए कार्य करेगी।

यह भी पढ़े : राजस्थान में हुए सड़क हादसे में रोहतक के चार लोगों की मौत

यह भी पढ़े : युद्ध में शहीद हुए अग्निवीरों के परिजनों को 1 करोड़ रुपए देगी हरियाणा सरकार, अधिसूचना जारी