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गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने स्वीकारा कि वह यूथ अकाली दल के नेता विक्की मिड्डू खेड़ा की हत्या के बाद पिछले साल अगस्त से सिद्धू मूसेवाला के मर्डर की साजिश रच रहा था। गिरोह का मानना था कि गायक मूसेवाला अकाली नेता की हत्या में शामिल था। बिश्नोई ने माना कि उसके गिरोह ने मूसेवाला को मारने की तीन बार कोशिश की।
25 मई को पहुंच गए थे मानसा
दिल्ली पुलिस के अनुसार मूसेवाला को मारने की पहली कोशिश गैंगस्टर शाहरुख के नेतृत्व में जनवरी में हुई थी। इस दौरान उन्हें मौका ही नहीं मिला। बाद में गिरोह ने 25 मई को मानसा में अपना डेरा जमा लिया और एक और कोशिश के बाद फिर चूक गए। इसके बाद तीसरी कोशिश में 29 मई को सिद्धू मूसेवाला का मर्डर कर दिया गया था।
32 गैंगस्टर्स में से 13 हत्या में शामिल
पंजाब पुलिस के एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने दावा किया कि उसने गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के सिलसिले में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के 32 गैंगस्टर्स और सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। उनमें से 13 सीधे तौर पर हत्या की साजिश में शामिल थे, जबकि 19 उनके सहयोगी थे जो गिरोह को अवैध गतिविधियों, धन और हथियारों की आपूर्ति के अलावा अन्य रसद सहायता प्रदान करने में मदद कर रहे थे।
निक्कू और केकड़ा ने की थी रेकी
एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स के प्रमुख बान ने कहा कि एक अन्य आरोपी बलदेव उर्फ निक्कू को बीते गुरुवार को गिरफ्तार किया है। निक्कू और केकड़ा साजिश का मुख्य आरोपी था। निक्कू मूसेवाला के घर की रेकी में शामिल था। हत्या वाले दिन जब गायक अपने घर से बाहर आया तो उसने मूसेवाला के साथ एक सेल्फी ली थी। निक्कू ने केकड़ा के साथ गोल्डी बराड़ और सचिन बिश्नोई को वीडियो कॉल सहित फोन किया और शूटर्स को मर्डर करने के संकेत दिए।
लॉरेंस का भाई कर रहा था पुलिस को गुमराह
एडीजीपी ने कहा कि लॉरेंस ने कनाडा के गैंगस्टर गोल्डी के अलावा सचिन बिश्नोई उर्फ थापन और लॉरेंस के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई के साथ मिलकर साजिश रची थी। लॉरेंस ने अप्रैल में फर्जी पासपोर्ट पर सचिन और अनमोल के देश से भागने की व्यवस्था की थी। बाद में सचिन ने एक मीडिया साक्षात्कार में झूठा दावा किया कि वह शूटर्स में शामिल था। यह पुलिस को गुमराह करने के लिए किया गया था ताकि असली अपराधियों को भागने का समय मिल सके।
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