जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं मिली
साथ ही उन्होंने वामन मेश्राम को खुली चेतावनी देते हुए कहा कि रोहतक में कार्यक्रम करने से पहले मेश्राम एक बार भगवान परशुराम का फरसा देख ले और अगर इस दौरान कोई घटना होती है, तो उसके लिए मुख्यमंत्री व गृहमंत्री जिम्मेदार होंगे। नवीन जयहिंद ने 26 तारीख को कश्मीरी पंडितों के लिए जंतर-मंतर पर होने वाले प्रदर्शन के समय में बदलाव कर दिया है। अब यह प्रदर्शन 10 जुलाई को होगा। उनका कहना है कि जिस तरीके से अग्निवीर के मामले में युवा प्रदर्शन कर रहे हैं तो उसके चलते जंतर मंतर पर उन्हें प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं मिली है। इसलिए इस कार्यक्रम में बदलाव किया गया है।
अगर कोई भी घटनाक्रम होता है तो उसके जिम्मेदार मुख्यमंत्री व गृहमंत्री होंगे
साथ ही उन्होंने वामन मेश्राम को खुली चेतावनी दे दी है कि रोहतक में कार्यक्रम करने से पहले भगवान परशुराम के फरसे को देख ले। वह किसी भी कीमत पर इस कार्यक्रम को नहीं होने देंगे और अगर कोई भी घटनाक्रम होता है तो उसके जिम्मेदार मुख्यमंत्री व गृहमंत्री होंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी जाति के खिलाफ बोलना सामाजिक दंगे भड़काना होता है और शायद यह कार्यक्रम भी सरकार के इशारे पर हो रहा है। ताकि कोई दंगा भड़के, लेकिन उनकी इस मंशा को भी पूरा नहीं होने देंगे।
सरकार ने जमीन की तरफ आंख उठाकर भी देखा तो उसी जमीन में सरकार को गाड़ दिया जाएगा
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