Delhi Pollution News : प्रदूषण के कारण दिल्ली की विश्व में किरकिरी

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Delhi Pollution News : प्रदूषण के कारण दिल्ली की विश्व में किरकिरी
Delhi Pollution News : प्रदूषण के कारण दिल्ली की विश्व में किरकिरी

ब्रिटेन, कनाडा और सिंगापुर ने अपने नागरिकों को दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में प्रदूषण को लेकर सावधानी बरतने की दी सलाह

Delhi Pollution News (आज समाज), नई दिल्ली : देश की राजधानी इन दिनों प्रदूषण के चलते न केवल भारत बल्कि विश्व के कई अन्य देशों में भी सुर्खियों में है। यहां पर लगभग दो माह से ज्यादा समय से हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति में है। यही कारण है कि ब्रिटेन, कनाडा और सिंगापुर ने अपने नागरिकों को दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में प्रदूषण को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है।

भारत में सिंगापुर के उच्चायुक्त साइमन वोंग ने कहा कि नागरिकों को स्थानीय स्वास्थ्य सलाहों और प्रदूषण संबंधी प्रतिबंधों पर ध्यान देना चाहिए। धुंध से उड़ानें प्रभावित हो सकती हैं, इसलिए उड़ानों की सही स्थिति जान लें। ब्रिटेन और कनाडा ने कहा, सांस और हृदय संबंधी रोगों से पीड़ित लोग भारत जाने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।

दूसरी बार दिसंबर में इतनी खराब स्थिति बनी

इस बार नवंबर में हवा की रफ्तार पहले की तुलना में तेज रही। इस कारण प्रदूषण का स्तर भी पहले की तुलना में कम रहा। दिसंबर में भयावह प्रदूषण देखने को मिल रहा है। सीपीसीबी द्वारा वर्ष 2015 के अप्रैल महीने में वायु गुणवत्ता सूचकांक की यह प्रणाली शुरू की गई थी। अभी तक देखें तो दिसंबर महीने में यह दूसरा सबसे ज्यादा प्रदूषित दिन है। दिसंबर महीने के लिए सबसे ज्यादा प्रदूषित दिन 21 दिसंबर 2017 को रहा था, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 469 के अंक पर पहुंच गया था।

सोमवार को भी कई एरिया में 500 तक रहा एक्यूआई

सीपीसीबी के मानकों के मुताबिक वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 से 500 तक होने पर उसे गंभीरतम श्रेणी में रखा जाता है। 500 से ऊपर के सूचकांक की गणना नहीं की जाती है। यह माना जाता है कि 500 के ऊपर आपात स्थिति शुरू हो जाती है। वजीरपुर का वायु गुणवत्ता सूचकांक शाम के समय 500 के अंक पर पहुंच गया था, कुछ अन्य इलाके ऐसे थे जहां 500 के अंक तक पहुंचने के करीब रहा। राजधानी को प्रदूषित हवा से अभी राहत मिलने के आसार नहीं है। प्रदूषण की जो स्थिति है, उससे कोई बड़ी मौसमी परिघटना ही दिल्ली को बचा सकती है।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा ग्रेप की सर्वोच्च पाबंदियां लगाई जा चुकी हैं। इसके बावजूद प्रदूषण के स्तर में कमी नहीं आई है। दूसरी ओर, एनसीआर में ग्रेटर नोएडा की हवा सबसे अधिक प्रदूषित रही। यहां एक्यूआई 447 दर्ज किया गया, यह हवा की गंभीर श्रेणी है। वहीं, गाजियाबाद में 444, नोएडा में 437 और गुरुग्राम में 345 एक्यूआई दर्ज किया गया। फरीदाबाद की हवा सबसे साफ रही। यहां सूचकांक 211 दर्ज किया गया। यह हवा की खराब श्रेणी है।

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