Haryana Police Constable Son: कांस्टेबल के बेटे को बचाने के लिए हरियाणा के 6 जिलों के पुलिसकर्मी देंगे एक दिन का वेतन

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Haryana Police Constable Son: कांस्टेबल के बेटे को बचाने के लिए हरियाणा के 6 जिलों के पुलिसकर्मी देंगे एक दिन का वेतन
Haryana Police Constable Son: कांस्टेबल के बेटे को बचाने के लिए हरियाणा के 6 जिलों के पुलिसकर्मी देंगे एक दिन का वेतन

स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 बीमारी से जूझ रहा है आठ महीने का युवांश, साढ़े 14 करोड़ का लगेगा इंजेक्शन
Haryana Police Constable Son (आज समाज) हिसार: स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 बीमारी से जूझ रहे आठ महीने के युवांश की मदद के लिए हरियाणा के 6 जिलों की पुलिस आगे आई है। इन 6 जिलों के पुलिस कर्मियों ने अपना एक दिन का वेतन युवांश के इलाज के लिए देने का फैसला किया है। एडीजीपी से लेकर एसपी तक पुलिसकर्मियों को स्वेच्छा से एक दिन का वेतन युवांश के लिए देने को लेटर लिखे हैं। युवांश को 14 करोड़ 50 लाख का एक इंजेक्शन लगना है। जोकि स्विटजरलैंड से मंगवाया जाएगा। युवांश के पिता फतेहाबाद में कांस्टेबल के पद पर तैनात है।

रोहतक के एडीजीपी वाई पूर्ण कुमार ने रोहतक, भिवानी और चरखी दादरी के एसपी को लेटर लिख दिया है। वहीं, कैथल की एसपी आस्था मोदी और सिरसा के एसपी मयंक गुप्ता भी लेटर लिख चुके हैं। फतेहाबाद के पुलिसकर्मी भी अपने स्तर पर मदद कर रहे हैं। आदमपुर के विधायक चंद्रप्रकाश भी सीएम नायब सैनी को वित्तीय सहायता के लिए लेटर लिख चुके हैं।

स्विट्जरलैंड से मंगवाया जाना है इंजेक्शन

दरअसल, हिसार के गांव जाखोद खेड़ा निवासी राजेश और फूड सप्लाई डिपार्टमेंट में कार्यरत क्लर्क किरण के 8 महीने का मासूम युवांश दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारी से जूझ रहा है। यह बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 है। जिसका इलाज करने के लिए 14.50 करोड़ रुपए का इंजेक्शन लगाया जाता है। यह इंजेक्शन स्विट्जरलैंड में जेनेवा से मिलता है।

38 लाख रुपए हो चुके जमा

प्रदेश सरकार से भी राजेश ने मदद की गुहार लगाई हुई है। पुलिस के साथ-साथ फूड सप्लाई डिपार्टमेंट के कर्मचारी भी सहयोग कर रहे हैं। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर युवांश का जीवन बचाने के लिए फंड एकत्रित करने की मुहिम जोर पकड़ रही है। राजेश के अनुसार, अब तक 38 लाख रुपए एकत्रित हुए हैं।

अक्टूबर 2024 में हुआ युवांश का जन्म

राजेश ने बताया कि उसकी शादी 23 अप्रैल 2023 को हिसार जिले के ही बरवाला क्षेत्र के गांव संदलाना की किरण के साथ हुई थी। 9 अक्टूबर 2024 को बेटा हुआ, जिसका नाम युवांश रखा। युवांश जब दो महीने का हो गया, तो वह सामान्य बच्चों की तरह एक्टिविटी नहीं कर रहा था। उन्होंने हिसार में हड्डी रोग विशेषज्ञ को दिखाया। पहले डॉक्टर ने कहा कि सब ठीक है, थोड़ा लेट विकास होगा।

18 मई को पता चला बीमारी के बारे में

राजेश ने बताया कि दो-तीन महीने और बीते तो बेटे की छाती में आवाज आने लगी। इसके बाद हिसार के दूसरे डॉक्टर को दिखाया गया तो एक महीने में कुछ इम्प्रूवमेंट हुई। एक हफ्ते तक अस्पताल में एडमिट भी रखा। इससे और इम्प्रूवमेंट हुई। मगर जब दोबारा डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने हायर सेंटर पीजीआई या एम्स में दिखाने की सलाह दी।

मई महीने में हिसार के एक अन्य प्राइवेट अस्पताल में दिखाया तो डॉक्टर ने एसएमए टेस्ट करवाया। 18 मई को आई टेस्ट की रिपोर्ट में स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 बीमारी मिली। डॉक्टर ने सुझाव दिया कि चंडीगढ़ पीजीआई या एम्स में ट्रीटमेंट शुरू करवाओ।

एसएमए बीमारी होने पर न्यूरांस नहीं बनते

राजेश ने बताया कि 22 मई को वह पीजीआई में डॉ. रेणु सुथार के पास गए। डॉ. रेणु ने बताया कि रीढ़ की हड्डी में न्यूरांस बनते हैं। इन न्यूरांस से ही सेल बनते हैं, जो शरीर की ग्रोथ करते हैं। एसएमए बीमारी होने पर न्यूरांस नहीं बनते हैं। न्यूरांस नहीं बनने पर शरीर ग्रोथ नहीं करता है। शरीर सूख जाता है।

दो साल की उम्र तक इंजेक्शन लगवाना जरूरी

हिसार के आधार हॉस्पिटल की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विनीता जैन बताती हैं कि यह 14.50 करोड़ रुपए वाला इंजेक्शन 2 साल की उम्र तक लगवाना जरूरी है। हर रोज बीमारी बढ़ती है। इसलिए तत्काल इंजेक्शन लगवाना जरूरी है। इंजेक्शन आने के बाद दो से तीन महीने तक ट्रीटमेंट चलता रहेगा।

पीएम मोदी और सीएम नायब सैनी से लगाई मदद की गुहार

राजेश ने मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम नायब सैनी, एक्टर सलमान खान, टाटा फाउंडेशन को भी ट्वीट किया है। एक्टर सोनू सूद, ट्रांसपोर्ट मंत्री अनिल विज, सांसद नवीन जिंदल, उद्योगपति गौतम अडाणी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से भी मदद की गुहार लगाई है।

इसके अलावा राजेश ने मांग की है कि यह जेनेटिक टेस्ट सरकार को अनिवार्य करना चाहिए, ताकि समय रहते पता चल जाए। बच्चा कंसीव होने के समय पता चल जाए तो इलाज आसान हो जाता है। सरकार को सरकारी स्तर पर भी इंजेक्शन फ्री लगवाने का प्रावधान करना चाहिए।

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