Papankusha Ekadashi: पापांकुशा एकादशी व्रत 03 अक्टूबर

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Papankusha Ekadashi: पापांकुशा एकादशी व्रत 03 अक्टूबर
Papankusha Ekadashi: पापांकुशा एकादशी व्रत 03 अक्टूबर

जानें व्रत के नियम और पूजा विधि
Papankusha Ekadashi, (आज समाज), नई दिल्ली: हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर व्रत किया जाता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा और व्रत करने का विधान है। आश्विन माह में पापांकुशा एकादशी मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से साधक को सभी पापों से छुटकारा मिलता है। साथ ही जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरूआत 02 अक्टूबर को शाम 07 बजकर 10 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 03 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 32 मिनट पर होगा। ऐसे में पापांकुशा एकादशी व्रत 03 अक्टूबर को किया जाएगा और 04 अक्टूबर को व्रत का पारण किया जाएगा।

पापांकुशा एकादशी 2025 व्रत पारण टाइम

एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर किया जाता है। पापांकुशा एकादशी व्रत पारण करने का समय 04 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 16 मिनट से सुबह 08 बजकर 37 मिनट तक है। इस दौरान किसी भी समय व्रत का पारण किया जा सकता है।

व्रत के दौरान किसी से वाद-विवाद न करें

स्कंद पुराण में एकादशी महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया है। इस व्रत के दौरान नियम का पालन करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि व्रत के नियम का पालन न करने से साधक को शुभ फल नहीं मिलता है। व्रत के दौरान किसी से वाद-विवाद न करें। किसी के बारे में गलत न सोचें।

एकादशी के दिन जरूर करें ये काम

  • इस दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें।
  • व्रत कथा और विष्णु चालीसा का पाठ करें।
  • विशेष चीजों का दान करें।
  • सात्विक भोजन का सेवन करें।
  • पीले रंग के वस्त्र धारण करें, क्योंकि भगवान विष्णु को पीला रंग प्रिय है।

विष्णु मंत्र

1. ॐ नमो: नारायणाय॥

2. विष्णु भगवते वासुदेवाय मन्त्र

ॐ नमो: भगवते वासुदेवाय॥

3. ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि।

तन्नो विष्णु: प्रचोदयात्॥

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