(Panipat News) पानीपत/समालखा। सोमवार को गांव देहरा में महायोगी गुरू गोरख नाथ महाराज का प्रकट दिवस बड़ी धूमधाम मनाया गया। प्रकट दिवस समारोह के मौके पर शिव अवतारी गुरु गोरखनाथ के मंदिर और धूना स्थल पर हवन-यज्ञ एवं पूजा-अर्चना करते हुए भक्त नफे नाथ ने कहा कि गुरु गोरखनाथ को गोरक्षनाथ के नाम से भी जाना जाता हैं, वे नाथ संप्रदाय के प्रमुख योगी और संत थे। गोरखनाथ ने योग, ध्यान, और आत्म-मुक्ति पर बल दिया और अपने अनुयायियों को नैतिक जीवन जीने और मोक्ष प्राप्त करने का मार्ग दिखाया। देहरा के गुरु गोरखनाथ मंदिर के संचालक विनोद भक्त ने कहा कि गोरखनाथ, गुरु मत्स्येन्द्रनाथ के सबसे प्रसिद्ध और प्रमुख शिष्यों में से एक थे, जिन्होंने हठयोग की परंपरा को आगे बढ़ाने का काम किया ।
विनोद भक्त ने कहा कि गोरखनाथ का मानना था कि सिद्धियों के पार जाकर शून्य समाधि में स्थित होना ही योगी का परम लक्ष्य होना चाहिए। शून्य समाधि अर्थात समाधि से मुक्त हो जाना और उस परम शिव के समान स्वयं को स्थापित कर ब्रह्मलीन हो जाना, जहाँ पर परम शक्ति का अनुभव होता है। समारोह के अंत में अटूट भंडारे का आयोजन किया गया और मंदिर में आए सभी भक्तजनों को गुरु गोरखनाथ महाराज की एक-एक तस्वीर देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर संजय सैनी, रामनिवास गाहल्याण, उमेद कुमार, सतीश बुआना, मोहन लाल सैनी, कुलदीप उमेदगढ़, धर्मवीर, विक्की, साहब सिंह लोहचब, रघबीर मकीनपुर आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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