Panama Foreign Minister: आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम भारत के साथ : आचा

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Panama Foreign Minister: आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई हम भारत के साथ : आचा

Panama On Terrorism, (आज समाज), पनामा सिटी: पनामा ने भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ हमेशा खड़े रहने की अपनी वचनबद्धता जताई है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख से अवगत कराने के लिए शशि थरूर के नेतृत्व वाला सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल समूह-5 पनामा पहुंचा था। पनामा के विदेश मंत्री जेवियर मार्टिनेज आचा (Javier Martinez Acha) ने बुधवार (स्थानीय समयानुसार) को भारतीय प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई व आतंकी हमलों के खिलाफ एकजुट होने की पनामा की प्रतिबद्धता एकदम स्पष्ट है।

आतंकियों के पालनहार हर देश की निंदा की जानी चाहिए

जेवियर मार्टिनेज आचा ने पहलगाम में आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और कहा, भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जो सिद्धांतों को महत्व देता है। उन्होंने कहा, आतंकवाद के खिलाफ हम भारत के साथ खड़े हैं। हम किसी तरह के आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं कर सकते। आचा ने कहा, जो भी देश आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह के तौर पर काम करता है उसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए।

आतंकियों ने पहलगाम में कर दी थी 26 लोगों की हत्या

बता दें कि आतंकियों ने पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को 26 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। भारत ने हमले में पाकिस्तान की साजिश का आरोप लगाया था। भारत सरकार ने हमले के बाद आतंकवाद में पाकिस्तान की संलिप्तता को उजागर करने के मकसद से सात सर्वदलीय प्रतिनिमंडलों को विभिन्न देशों में भेजा है। इसी कड़ी में  शशि थरूर के नेतृत्व वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल समूह-5 पनामा पहुंचा था।

अंतरराष्ट्रीय विवादों के हल का तरीका आतंकवाद न हो : शशि थरूर

शशि थरूर ने पनामा के विदेश मंत्री के साथ बैठक में कहा, अंतरराष्ट्रीय विवादों के हल का तरीका आतंकवाद नहीं होना चाहिए। यदि किसी तरह की समस्या है, तो उसे अन्य तरीकों से भी निपटा जा सकता है। उन्होंने कहा, आतंकियों को सीमा पार भेजना किसी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। जो देश अथवा लोग हत्यारों व अपराधियों को सुरक्षित पनाह देते हैं, उन्हें प्रशिक्षित करते हैं, हथियार मुहैया करवाते हैं तथा वित्तपोषण कर उनका मार्गदर्शन करते हैं, उन्हें भी आतंकी वारदातों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

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