शिमला। हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस के दो पॉजीटिव मामले आने के बाद प्रदेश सरकार ने कुछ और एहतियाती कदम उठाए हैं। सरकार ने अगले आदेशों तक आईजीएमसी अस्पताल शिमला, टांडा और नेरचौक मेडिकल कॉलेजों की ओपीडी बंद करने का फैसला लिया है। इन तीनों अस्पतालों में कोरोना के मरीज रखे जाने हैं और यहीं पर ही टेस्ट की भी सुविधा है। इसे देखते हुए स्टाफ पर दबाव कम करने के लिए यह निर्णय लिया गया है और 23 मार्च से यहां कोई ओपीडी नहीं लगेगी। यहां केवल आपातकालीन सेवा ही उपलब्ध रहेगी।
उधर, अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) आरडी धीमान ने शनिवार शाम यहां कहा कि सरकार ने फैसला लिया है कि प्रदेश के बाहर से जो भी हिमाचली आ रहे हैं, उन्हें भी 14 दिन तक घरों में रहने को कहा गया है। ऐसे लोग घर में रहें, इसे सुनिश्चित करने के लिए अब ग्राम पंचायतों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद ली जाएगी। उन्होंने बताया कि शनिवार को 12 नए केस टेस्ट किए गए और सभी नेगेटिव पाए गए थे। उनका कहना था कि आज तक 1030 केस सर्विलांस में रखे गए। इनमें से 387 ने 28 दिन का निगरानी का समय पूरा कर लिया। 515 अब भी सर्विलांस में हैं।
आरडी धीमान ने कहा कि सामान्य समय में चीन से डॉक्टरों को पूरी तरह कवर करने वाली किट (पीपीई) आती थी, लेकिन अभी कुछ कमी आई थी। सरकार व केंद्र के मंजूरी देने के बाद उनका उत्पादन प्रदेश में शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि एक हजार किट यहां पहुंच गई हैं, जिन्हें जरूरत के अनुसार मुहैया कराया जा रहा है। यह किट सिर्फ लक्षण वाले और पुष्ट मरीजों का इलाज करने वाले डाक्टरों के लिए जरूरी है।
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