केंद्र ने आज दिल्ली में बुलाई 4 राज्यों के सचिवों की बैठक
Punjab-Haryana Water Dispute (आज समाज) चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा के बीच पानी के बंटवारे को लेकर जारी विवाद बढ़ता जा रहा है। पंजाब किसी भी सूरत में हरियाणा को पानी देने के हक में नहीं है। पंजाब द्वारा हरियाणा के पानी में कटौती किए जाने से प्रदेश में जल संकट पैदा हो गया। हरियाणा के कई जिलों में एक दिन छोड़कर पानी की सप्लाई की जा रही है। हरियाणा में पैदा हुए पानी के संकट को देखते हुए लोक निर्माण मंत्री रणबीर गंगवा ने सभी जिलों में तैनात एसई, एक्सईन, एसडीओ और जेई को किसी भी हालत में हेडक्वार्टर ना छोड़ने को कहा है।
उन्होंने आदेश दिया कि जहां पानी की किल्लत है, वहां दूसरी जगह से पानी लेकर उपलब्ध कराएं। अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि हिसार, सिरसा, महेंद्रगढ़, नारनौल और फतेहाबाद में दिक्कत ज्यादा है। पेयजल की राशनिंग की जा रही है। वहीं भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी व केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के सीनियर अफसर इस मामले पर नजर रखे हुए हैं। हरियाणा सरकार हाईकोर्ट में भी जाने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक अटॉर्नी जनरल को ड्राफ्ट बनाने के लिए कहा गया है।
पंजाब के मुख्य सचिव के छुट्टी पर, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव होंगे बैठक में शामिल
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मुद्दे पर आज नई दिल्ली में मीटिंग बुलाई है। मीटिंग में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान व हिमाचल के मुख्य सचिव तलब किए गए हैं। पंजाब के मुख्य सचिव के छुट्टी पर होने के चलते गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक शेखर व जल विभाग के प्रमुख सचिव कृष्ण कुमार मीटिंग में शामिल होंगे।
पंजाब सीएम मान ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, कहा हरियाणा को 4 हजार क्यूसिक पानी भी मानवता के आधार पर दे रहे
पंजाब सरकार ने इस मामले में हरियाणा को घेरने और केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए आज सुबह 10 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है। वहीं, पंजाब भाजपा आप सरकार के खिलाफ सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेगी। बता दें कि पंजाब ने करीब 17 दिन से भाखड़ा नहर से हरियाणा को मिलने वाले साढ़े 8 हजार क्यूसिक पानी को घटाकर 4 हजार क्यूसिक कर दिया। पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि हरियाणा अपने कोटे का पानी मार्च में ही खत्म कर चुका है। वह 4 हजार क्यूसिक भी मानवता के आधार पर दे रहे हैं।
पंजाब पुलिस ने ली डैम के कंट्रोल रूम की चाबी
इससे पहले बुधवार को हुई भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड की इमरजेंसी मीटिंग में हरियाणा को 4 हजार क्यूसिक की जगह पूरे साढ़े 8 हजार क्यूसिक पानी देना तय हुआ था, लेकिन इस फैसले पर गुरुवार को पंजाब सरकार ने आक्रामक रुख अपनाया। नंगल डैम की सुरक्षा बढ़ा दी गई। रोपड़ रेंज के आईजी हरचरण सिंह भुल्लर ने डैम का दौरा किया। वहीं, मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने डैम पहुंचकर कहा कि डैम के कंट्रोल रूम की चाबी बीबीएमबी से लेकर पंजाब पुलिस को सौंप दी गई है। पंजाब के नेताओं, विधायकों और मंत्रियों ने राज्यभर में प्रदर्शन किए और भाजपा नेताओं के घरों और दफ्तरों का घेराव किया।
पानी के संकट से गुजर रहा पंजाब, हरियाणा हमसे उम्मीद न करे: मान
वहीं गुरुवार दोपहर नंगल डैम पर पहुंचे पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि पंजाब पहले से ही पानी के संकट से गुजर रहा है। पंजाब के डैम अपने लेवल से कम चल रहे हैं। हमारे यहां धान का सीजन शुरू होने वाला है। हमारे पास पानी नहीं है। हरियाणा हमसे उम्मीद भी न करे।
30 अप्रैल की रात जो किया, वह गुंडागर्दी
सीएम मान ने कहा कि हरियाणा व राजस्थान में बीजेपी की सरकार है। उन्होंने 30 अप्रैल की रात जो किया है, उसे हम गुंडागर्दी कहेंगे। ये तानाशाही है। दोनों ने मिलकर वोटें डाल दीं। उन्होंने कहा कि मैजोरिटी में तय हो गया कि हरियाणा को पानी दे दो। पंजाब ने साइन नहीं किए।
हरियाणा के लोग बेटी के घर का पानी नहीं पीते, यह नहरें मांग रहे हैं
सीएम ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को पत्र लिखा है। 1700 क्यूसिक पानी की जरूरत है। उससे ज्यादा पानी दे रहे हैं। हरियाणा के लोगों का कोई कसूर नहीं है। 3 महीने पहले हम दिल्ली के लिए पानी मांग रहे थे। वक्त से डरिए। पंजाब के बिना बीबीएमबी कैसे पूरा हो सकता है। हरियाणा के लोग बेटी के घर का पानी नहीं पीते हैं। यह नहरें मांग रहे हैं।
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